Spread the love
19 Views

Loading

ग्रेटर नोएडा/फेस वार्ता भारत भूषण: सीबीएसई बोर्ड की दसवीं और बारहवीं क्लास परीक्षा (शनिवार) आज से शुरु हो रही है। 24 फरवरी से यूपी बोर्ड शुरू होंगे ऐसे में छात्रों को परीक्षा के दौरान मानसिक रूप से परेशान होते है। साथ ही साथ ही एग्जाम को लेकर तनाव में दिखाई पड़ते हैं। कई बार ऐसा होता है कि कुछ छात्र परीक्षा के दौरान या फिर रिजल्ट आने के वक्त आत्मघाती कदम भी उठा लेते हैं। ऐसे में छात्रों को एग्जाम की तैयारी करते समय कुछ खास बातों का ख्याल रखना चाहिए। ताकि एग्जाम के दौरान किसी तरह का तनाव या दबाव महसूस ना हो।

ग्रेनो के नॉलेज पार्क स्थित शारदा अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग के मनोचिकित्सक डॉक्टर निखिल नायर ने कई जानकारियां दी। उन्होंने कहा कि एग्जाम शुरू होने के पहले छात्रों को अपने सिलेबस को एक निश्चित टाइम टेबल में पूरा कर लेना चाहिए। परीक्षा शुरू होने के लगभग एक से डेढ़ महीने पहले अपने कोर्स का रिवीजन भी शुरू कर देना चाहिए। इस दौरान स्टूडेंट को अपने खाने-पीने से लेकर नींद का पूरा ख्याल रखना चाहिए।रात की नींद छात्रों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करना चाहिएसाथ ही डॉक्टर निखिल ने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि बच्चे रात भर पढ़ाई करने के बाद दिन में सोते हैं। ऐसा करने से छात्रों को कई तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियां हो सकती हैं। इससे बचने की जरूरत है कई बार ऐसा करने से बच्चों की याददाश्त कमजोर भी हो सकती हैं। ऐसे में हाई प्रोटीन विटामिन, मिनरल युक्त डाइट लेना जरूरी है।डाइट में बच्चों को फ्रूट्स और वेजिटेबल का भी ध्यान रखना होगा. प्रतिदिन अपने रोजाना के कामकाज में 15 से 20 मिनट का एक्सरसाइज करना भी बच्चों को जरूरी है।मनोचिकित्सक के अनुसार एग्जाम के दौरान या एग्जाम के पहले बच्चों में 15 दिनों तक एक्टिविटी में कोई चेंजेस दिखाई पड़ते हैं तो आप अलर्ट रहे. जैसे बच्चा अपने आप को अकेला महसूस कर रहा है या अपने पेरेंट्स से कह रहा हो कि ये नहीं हो सकता या मैं इसे नहीं कर सकता। ऐसी स्थिति में परिजनों को चाहिए कि वह अपने बच्चों की काउंसलिंग करवाएं या फिर किसी मनोचिकित्सक से सलाह है या परामर्श लें। एग्जाम देते समय बच्चों का पूरा ध्यान एग्जाम में होना चाहिए है।इसके साथ ही परिजनों को बच्चों के मार्क्स में ज्यादा ध्यान नहीं देना है, बल्कि वर्तमान समय कॉम्पिटिटिव एग्जाम का है, ऐसे में एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से ही बच्चा आगे बढ़ सकता है। इसका एक शेड्यूल बना लें तो ज्यादा अच्छा है,किसी भी एंट्रेंस एग्जाम में जाने के पहले बच्चों को कम से कम एक से दो बार उसे रिवीजन करना जरूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed