फेस वार्ता। भारत भूषण
ग्रेटर नोएडा, 5 दिसंबर 2024: आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं में अत्याधुनिक तकनीक की भूमिका को उजागर करने के उद्देश्य से,, ग्रेटर नोएडा के ओमेगा 1 स्थित यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने एक सार्वजनिक जागरूकता सत्र का आयोजन किया।इस सत्र का मुख्य उद्देश्य पैंक्रियाटिक कैंसर के इलाज के लिए रोबोटिक सर्जरी में नवीनतम प्रगति और एबीओ- इनकंपैटिबल किडनी ट्रांसप्लांट की सफलता के बारे में जानकारी देना था, जिसने अंतिम चरण के गुर्दे रोग से जूझ रहे मरीजों को नई जिंदगी प्रदान की है। इस अवसर पर यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, ओमेगा 1 ग्रेटर नोएडा के विशेषज्ञ डॉक्टर डॉ. दुष्यंत नादर (ग्रुप डायरेक्टर, यूरोलॉजी, रोबोटिक्स और किडनी ट्रांसप्लांट), डॉ. नीरज चौधरी (डायरेक्टर, जीआई सर्जरी, जीआई ऑन्कोलॉजी और लिवर ट्रांसप्लांट) और डॉ. अनिल प्रसाद भट्ट (कंसल्टेंट, रेनल साइंसेज एवं नेफ्रोलॉजी) ने भाग लिया और जटिल रोगों के इलाज में हो रही प्रगति पर अपने विचार साझा किए।
ग्रेटर नोएडा के ओमेगा 1 स्थित यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के जीआई सर्जरी और लिवर ट्रांसप्लांट विभाग के कंसल्टेंट डॉ. नीरज चौधरी ने इस विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि “गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी में रोबोटिक तकनीक के समावेश ने हमें सर्जिकल सटीकता के ऐसे स्तर तक पहुंचने में मदद की है, जो पहले असंभव था। पैंक्रियाटिक कैंसर, जो सबसे आक्रामक प्रकार के कैंसर में से एक है, के इलाज के लिए सटीक और न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी की आवश्यकता होती है। इस संदर्भ में रोबोटिक सर्जरी ने एक गेम चेंजर के रूप में काम किया है। पैंक्रियाटिक कैंसर के मरीजों के लिए यह न केवल बेहतर ट्यूमर हटाने की सुविधा प्रदान करता है, बल्कि सर्जरी के बाद जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करता है।”डॉ. चौधरी ने एक हालिया केस का भी उल्लेख किया, जिसमें रोबोटिक तकनीक के उपयोग से पैंक्रियाटिक कैंसर के लिए जटिल व्हिपल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। ग्रेटर नोएडा के ओमेगा । स्थित यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के यूरोलॉजी, रोबोटिक्स और किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के ग्रुप डायरेक्टर डॉ. दुष्यंत नादर ने कहा कि “एबीओ-इनकंपैटिबल किडनी ट्रांसप्लांट अब एक हकीकत है. जो अत्याधुनिक इम्यूनोसप्रेसिव प्रोटोकॉल और उन्नत रोबोटिक्स की मदद से संभव हुआ है। यथार्थ में, परिमिडिसिन की संभावनाओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे मरीजों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी नई आशा मिल सके। एबीता इन कंपेटिबल ब्लड ग्रुप्स के बीच किडनी ट्रांसप्लांट को कभी असंभव माना जाता था। हालांकि, इम्यूनोसप्रेसिव थेरपी और उन्नत डायग्नोस्टिक तकनीकों की मदद से, अब ऐसे ट्रांसप्लांट यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सफलतापूर्वक किए जा रहे हैं।