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ट्रैक्टर ट्राली का उपयोग केवल उसके निर्धारित उद्देश्य (कृषि कार्य) के लिए किया जाए और ओवरलोडिंग से बचा जाए: डीएम

गौतमबुद्धनगर/ फेस वार्ता भारत भूषण:  शासन एवं जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा के निर्देशों के क्रम में आमजन एवं यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत परिवहन एवं पुलिस विभाग के संयुक्त तत्वाधान में संबंधित अधिकारियों द्वारा कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। इसी श्रृंखला में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) गौतम बुद्ध नगर डॉ उदित नारायण पांडेय ने बताया कि आज माल ढोने वाली, अपंजीकृत ट्रैक्टर ट्रालियों पर कार्यवाही करते हुए ट्रैक्टर चालकों को बताया कि अपंजीकृत ट्रैक्टर ट्राली से ओवरलोड माल ढोने के कई नुकसान हो सकते हैं, जो न केवल व्यक्तिगत स्तर पर नहीं बल्कि सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण से भी गंभीर परिणाम लाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नुकसान के संबंध में उन्होंने क्रमवार बताया कि-

1-दुर्घटना का खतरा:ट्रैक्टर ट्राली को मूल रूप से कृषि कार्यों के लिए डिज़ाइन किया गया है, न कि भारी माल ढोने के लिए। ओवरलोड करने से वाहन का संतुलन बिगड़ सकता है, जिसके कारण पलटने या ब्रेक फेल होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे सड़क पर दुर्घटनाएं हो सकती हैं, जो चालक और अन्य लोगों की जान को खतरे में डालती हैं।

2-सड़कों को नुकसान :ओवरलोड ट्रैक्टर ट्राली से सड़कों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे सड़कें जल्दी खराब हो सकती हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां सड़कें पहले से ही कम मज़बूत होती हैं, यह समस्या और गंभीर हो जाती है।

3-कानूनी परेशानियां: भारत में मोटर वाहन अधिनियम के तहत अपंजीकृत ट्रैक्टर ट्राली का उपयोग और ओवरलोडिंग गैरकानूनी है। पकड़े जाने पर भारी जुर्माना, वाहन ज़ब्ती, या कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, व्यावसायिक उपयोग के लिए पंजीकरण और परमिट अनिवार्य हैं, जिसके अभाव में दंड का प्रावधान है।

4-वाहन की क्षति: ट्रैक्टर और ट्राली पर निर्धारित क्षमता से अधिक भार डालने से इंजन, टायर और अन्य हिस्सों पर दबाव पड़ता है, जिससे उनकी आयु कम हो जाती है और बार-बार मरम्मत की ज़रूरत पड़ती है। यह आर्थिक नुकसान का कारण बनता है।

5-सुरक्षा नियमों का उल्लंघन :अपंजीकृत ट्रैक्टर ट्राली से माल ढोना ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन है। इससे न केवल चालक बल्कि सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ती है। रिफ्लेक्टर न होने से रात, बारिश और धुन्ध में खतरा बढ जाता है। कई बार ऐसी ट्रालियों का उपयोग सवारियां ढोने के लिए भी किया जाता है, जो और भी खतरनाक है।

6-आर्थिक नुकसान:दुर्घटना या वाहन खराब होने की स्थिति में माल का नुकसान, मरम्मत का खर्च, और जुर्माना मिलकर बड़ा आर्थिक बोझ डाल सकते हैं। साथ ही, अगर इससे किसी की जान जाती है, तो मुआवज़े का दायित्व भी बढ़ जाता है।उन्होंने जन सामान्य से अपील करते हुए कहा कि इन नुकसानों को देखते हुए, यह ज़रूरी है कि ट्रैक्टर ट्राली का उपयोग केवल उसके निर्धारित उद्देश्य (कृषि कार्य) के लिए किया जाए और ओवरलोडिंग से बचा जाए। साथ ही, इसे पंजीकृत करवाकर कानूनी नियमों का पालन करना चाहिए ताकि सुरक्षा और आर्थिक दोनों स्तरों पर नुकसान से बचा जा सके।

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