Spread the love
7 Views

फेस वार्ता। भारत भूषण शर्मा:- 

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष प्रदेश सरकार ने भी आयोजन को वृहद बनाने के लिए की व्यापक तैयारी

यूपी और यहां के उत्पादों को ग्लोबल लेवल पर पहचान दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने उठाए महत्वपूर्ण कदम

 

ग्रेटर नोएडा, 27 सितंबर, 2024 ग्रेटर नोएडा में आयोजित उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस 2024) की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और इसका प्रभाव देश और विदेश में साफ तौर पर देखा जा सकता है। माननीय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में इस इवेंट ने न केवल उत्तर प्रदेश के उद्यमियों में विश्वास पैदा किया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और निवेशकों के बीच भी एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में अपनी पहचान बनाई है। यही वजह है कि साल दर साल यहां विदेशी क्रेताओं और आगंतुकों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। उत्तर प्रदेश के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने का यह अनूठा प्रयास राज्य के व्यापारिक और औद्योगिक परिदृश्य को एक नई दिशा दे रहा है। प्रदेश के एक्सपोर्ट में बीते कुछ वर्षों में दोगुनी से ज्यादा वृद्धि हुई है। विदेशी खरीदारों और व्यापारिक प्रतिनिधियों की बढ़ती संख्या से यह साबित हो रहा है कि यूपी के उत्पादों और सेवाओं की अंतरराष्ट्रीय मांग तेजी से बढ़ रही है। प्रदेश सरकार के नेतृत्व में इस ट्रेड शो के आयोजन ने प्रदेश के उद्यमियों को वैश्विक बाजारों तक पहुंचने का अवसर प्रदान किया है, जिससे उद्यमियों के लिए नए बाजारों और साझेदारी के अवसर खुल रहे हैं तो वहीं राज्य की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो रही है।

क्रेता, उपभोक्ता और आगंतुकों की संख्या में हो रही वृद्धि 

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2023 में इंटरनेशनल ट्रेड शो की शुरुआत की थी। उस समय 1914 प्रदर्शक इसमें शामिल हुए थे, जबकि 2024 में इनकी संख्या बढ़कर 2500 पहुंच गई। इसी तरह बी2बी आगंतुकों की संख्या 2023 में 70 हजार थी जो 2024 में बढ़कर एक लाख के पार पहुंच गई। यही नहीं, 2023 में 2.37 लाख बी2सी आगंतुक सम्मिलित हुए थे तो इस बार यह संख्या बढ़कर 3.5 लाख पहुंचने की संभावना है। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो सिर्फ उत्पादों को प्रदर्शित करने का ही नहीं, बल्कि उत्पादों की बिक्री का भी बड़ा प्लेटफॉर्म है। 2023 में यहां 1 लाख से अधिक व्यापारिक बिक्री संभव हुई थीं तो इस बार 1.25 लाख का अनुमान है। पिछली बार 60 देशों के विदेशी क्रेता आए थे, जबकि इस बार 60 से अधिक देशों के क्रेताओं के यहां आने की संभावना व्यक्त की गई है। उत्पादों, क्रेताओं और आगंतुकों के साथ-साथ यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो की सोशल मीडिया रीच में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पिछली बार जहां 10 लाख बार #UPITS2023 का उपयोग किया था तो वहीं 2024 में इस हैशटैग की संख्या 20 लाख से अधिक पहुंचने का अनुमान है।

बढ़ती जा रही ग्लोबल पहुंच मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के श्रम, उत्पाद और प्रतिभा को ग्लोबल पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत हैं और ये इवेंट इसका बड़ा माध्यम बन रहा है। 70 देशों के विदेशी बायर्स के साथ ही विदेशी विजिटर्स तो यहां आ ही रहे हैं, जबकि साथ ही कई देश इस तरह के आयोजनों में पार्टनर कंट्री के रूप में जुड़ रहे हैं। 2024 में वियतनाम इस मेगा इवेंट के पार्टनर के रूप में जुड़ा है। इंटरनेशल ट्रेड शो में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ वियतनाम के भी उत्पादों एवं सेवाओं को यहां प्रदर्शित किया जा रहा है। इसके अलावा वहां के जायके और संस्कृति को भी यहां प्रदर्शित करने का अवसर मिला है। यही नहीं, व्यापार की दृष्टि से वियतनाम के वीआईपी और व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी यहां विभिन्न गतिविधियों में जुड़ा है।

2017 के बाद व्यापारिक गतिविधियों ने बदला परिदृश्य

2017 से पहले भी प्रदेश में सरकारें थीं, लेकिन उनके नेताओं ने प्रदेश के उद्यमियों और निवेशकों की चिंता नहीं की और न ही इस तरह के आयोजन किए जिससे एक निराशा का माहौल बन गया था। हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश में व्यापारिक गतिविधियों को गति मिली। सरकार ने उद्यमियों और व्यापारियों को सहयोग देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिससे राज्य का औद्योगिक और व्यापारिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉ एंड ऑर्डर जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई इन्वेस्टर्स समिट और ट्रेड शो का आयोजन किया। इससे प्रदेश में नए निवेशकों को आकर्षित किया गया और उद्यमियों को नए अवसर प्राप्त हुए। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो जैसे आयोजन से प्रदेश के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान मिली। एक जिला, एक उत्पाद (ODOP) योजना के तहत राज्य के हर जिले के विशेष उत्पाद को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई जा रही है, जिससे निर्यात में वृद्धि हुई है। 2016-17 में प्रदेश का निर्यात 88 हजार करोड़ था, जो 2024 में दोगुना से ज्यादा बढ़कर करीब 2 लाख करोड़ पहुंच गया है। सरकार के इन प्रयासों के चलते उत्तर प्रदेश अब एक प्रमुख औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र के रूप में उभर रहा है।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed