फेस वार्ता। भारत भूषण शर्मा:-
बारह साल तक संघर्ष करने के बाद मुझे यह मुकाम हासिल हो सका है:अभिनेता अमित नाथ।
मुंबई:- ग्राम गोसाईजोत पोस्ट उतरौला जिला बलरामपुर के रहने वाले युवा अभिनेता अमित नाथ पुत्र अतर नाथ चाचा स्व मानबहादुर नाथ पूर्ब प्रधान उतरौला ग्रामीण बड़े भाई पप्पू नाथ पूर्ब प्रधान उतरौला ग्रामीण मुम्बई की वालीवुड इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना रहे हैं। अमित इस समय टीवी पर प्रसारित हो रहे सीरियल धरतीपुत्र नंदनी में चरित्र अभिनेता के मुख्य किरदार दुर्जन सिंह की मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।
सीरियल नाम धरतीपुत्र नंदिनी :- नजर टीवी पर आता है, प्रोडक्शन : DCT, प्रोड्यूसर. दीपिका chikhlia ,क्रिएटिव डायरेक्टर धीरज मिश्रा, Story by.. हर्ष जगदीश Director… Surendra santosh jha
एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर मोतीलाल makta
Camera man.. Virjesh sharma and pinto, वेशभूषा.. उमंग नायक
आजाद सीरियल में भूमिका निभाने के बाद द लास्ट हारर व चूरन फिल्म में अभिनय करने का मौका मिला। इसके साथ ही वह वेब सीरीज बेबस, टू होल, कोर्ट रूम ड्रामा में अभिनय किया है। साथ ही शार्ट फिल्म आटो रिक्शा, मिक्स डबल एजुकेशन में भी कार्य किया। मौजूद समय में रामायण में सीता का किरदार
निभाने वाली अभिनेत्री दीपिका चिखलिया के प्रोडक्शन हाउस निर्देशक धीरज मिश्रा की नजर टीबी पर प्रसारित हो रहे सीरियल धरतीपुत्र नंदनी में चरित्र अभिनेता के मुख्य किरदार दुर्जन सिंह की भूमिका निभा रहे हैं। अमित नाथ की शिक्षा इंटरमीडिएट नगर के एमवाई उस्मानी इंटर कॉलेज, पोस्ट ग्रेजुएशन एमएलके बलरामपुर से करने के बाद उन्होंने मायानगरी का रुख किया और वहां से मास्टर आफ थियेटर आर्ट की डिग्री हासिल करने के बाद तीन साल लखनऊ और सात साल मुंबई के थियेटर में अभिनय की बारीकियां सीखीं। अमित बताते हैं कि वह जब पढ़ाई कर रहे थे तब ही उनके मन में फिल्मों में अभिनय करने की इच्छा जागी थी।
बताया कि जब वह अपनी इस इच्छा को अपने दोस्तों को बताता था तो वह सभी मेरा मजाक उड़ाया करते थे। मजाक उड़ने पर मेरे मन और मजबूती से अभिनय को प्रेरित करता था। इंटर करने के बाद जब मैंने अपनी इच्छा अपने पिता अतरनाथ को बताई तो उन्होंने डांटते हुए कहा कि झूठे सपने देखना छोड़ दें । वहां बड़े बड़े नहीं पहुंच पाते हैं । लेकिन मैंने अपनी इच्छा को त्यागा नहीं कालेज आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेता रहा। पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद मैंने फिर अपनी इच्छा पिता से बताया तो फिर उन्होंने समझाया कि कोई नौकरी तलाश कर लें । मेरे चाचा स्व मान बहादुर व पप्पू नाथ के समझाने पर पिता जी मुझे मुम्बई भेजने को तैयार हो गए। बताया कि बारह साल तक संघर्ष करने के बाद मुझे यह मुकाम हासिल हो सका है