. गलगोटियास विश्वविद्यालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘फोरेंसिक अगोरा’ के सातवें संस्करण का भव्य उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ।
ग्रेटर नोएडा/फेस वार्ता भारत भूषण: यह सम्मेलन 08-09 फरवरी 2025 तक गलगोटियास विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा में आयोजित किया जा रहा है। यह प्रतिष्ठित आयोजन विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों और विशेषज्ञों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है, जिनमें आपराधिक जांच, विधि (कानूनी) अभ्यास, अनुसंधान और शिक्षाविद शामिल हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य वैज्ञानिक और कानूनी समुदाय को एक गतिशील मंच पर एकत्र करना है, जहाँ फॉरेंसिक विज्ञान और कानून के अंतर्संबंधों में हो रहे नवीनतम विकासों पर चर्चा की जाएगी। दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में प्रतिभागी मुख्य व्याख्यान, आमंत्रित वार्ता, पैनल चर्चा, शोध पत्र एवं पोस्टर प्रस्तुतियों के माध्यम से अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचारों को साझा करेंगे। प्रतिष्ठित अतिथि वक्ता और विशेषज्ञ फॉरेंसिक विज्ञान, विधि और अंतःविषय अध्ययन के क्षेत्र में अपने शोध, अनुभव और दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में देश-विदेश के फोरेंसिक विशेषज्ञ, कानून प्रवर्तन अधिकारी, विधि विशेषज्ञ और शोधकर्ता शामिल हुए। गलगोटियास विश्वविद्यालय के सीईओ, डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा, “फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार और शोध को बढ़ावा देने के लिए यह सम्मेलन एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करता है। हमारा उद्देश्य शिक्षाविदों और उद्योग विशेषज्ञों को जोड़कर इस क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करना है।
विश्वविद्यालय के चॉसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि “फॉरेंसिक विज्ञान न्याय प्रणाली का एक अभिन्न हिस्सा है, और इस क्षेत्र में नवीनतम शोध और तकनीकों को अपनाना समय की आवश्यकता है। गलगोटिया विश्वविद्यालय इस प्रकार के सम्मेलनों के माध्यम से अकादमिक और व्यावसायिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए संकल्पित है। मुझे विश्वास है कि यह सम्मेलन प्रतिभागियों को नवाचार, अनुसंधान और न्यायिक विज्ञान की गहरी समझ प्रदान करेगा। सभी प्रतिभागियों को मेरी ओर से शुभकामनाएँ!”
विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. (डॉ.) के. मल्लिकार्जुना बाबू ने अपने संबोधन में कहा, “हम शिक्षा और अनुसंधान को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ‘फोरेंसिक अगोरा’ जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंच हमें नवीनतम खोजों और वैज्ञानिक दृष्टिकोणों से परिचित कराते हैं, जिससे फोरेंसिक विज्ञान को और अधिक समृद्ध किया जा सकता है।डीन, स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, प्रो० (डॉ.) अभिमन्यु कुमार झा ने बताया कि “फॉरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में यह सम्मेलन न केवल अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करता है, बल्कि यह वैश्विक विशेषज्ञों को आपस में जुड़ने और ज्ञान साझा करने का अवसर भी देता है। मैं इस सम्मेलन के सभी प्रतिभागियों का स्वागत करता हूँ और आशा करता हूँ कि यह आयोजन उनके लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रहेगा।गलगोटियास यूनिवर्सिटी के फॉरेंसिक साइंस विभाग, स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज एंड टेक्नोलॉजी ने फोरेंसिक एक्सपर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, शैरलोक इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक, शियंट टेक्नोलॉजी (नयी दिल्ली) किल्यु-4 एवीडैंस फोरेंसिक लैब बंगलौर के साथ उद्योग भागीदार की है। और इन विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित किया है। जिसमें मुख्य रूप से फिलीपींस विश्वविद्यालय, होली एंगल यूनिवर्सिटी (फ़िलीपींस) बगुइओ विश्वविद्यालय (फिलीपींस) और भारत में केंद्रीय डिटैक्टिव प्रशिक्षण संस्थान एमएचए (भारत सरकार), गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा, लखनऊ विश्वविद्यालय, इन्स्टिट्यूट ऑफ़ एक्सीलैंस हायर एजुकेशन (म.प्र), मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज, ओपी जिंदल ग्लोबल इंस्टीट्यूट, जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी नयी दिल्ली,
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, जयपुर विश्वविद्यालय, विवेकानन्द विश्वविद्यालय। और अन्य 25 विश्वविद्यालयों से भी समन्वय किया है। (फोरेंसिक विज्ञान, स्कूल ऑफ बायोसाइंसेस एंड टेक्नोलॉजी, गलगोटियास विश्वविद्यालय डॉ.) राजीव कुमार, और डा० विन्नी शर्मा कार्यक्रम में विशेष रूप उपस्थित रहे। इस सम्मेलन में दौरान कई प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए और नवीनतम तकनीकों तथा अनुसंधान पर चर्चा की। साथ ही, फोरेंसिक विज्ञान में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विद्वानों को सम्मानित भी किया गया। जिसमें उत्कृष्ट फोरेंसिक प्रचारक पुरस्कार: डॉ. दीपक कुमार और डॉ. रणजीत सिंह को मिला और फोरेंसिक उत्कृष्टता पुरस्कार: डॉ. एस. इंद्र सुधा और आईपीएस डॉ. त्रिवेणी सिंह को, लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड: डॉ. संपूर्णा बेहुरा और डॉ. आर. के. सरीन को प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम की सपूर्ण जानकारी भगवत प्रसाद शर्मा मीडिया कार्यकारी गालगोटियास यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश ने दी