गलगोटिया कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग, एक दिवसीय बौद्धिक संपदा अधिकार कार्यशाला का किया आयोजन।
कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग, गलगोटियास कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ने
ग्रेटर नोएडा/ फेस वार्ता: आपकी रचनात्मकता, नवाचार और बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता का निर्माण” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का भव्य आयोजन किया। यह कार्यशाला उत्तर प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (CST-UP) द्वारा प्रायोजित की गयी थी।
कार्यक्रम का शुभारंभ:कार्यशाला का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इसके पश्चात, डॉ. पुष्पा चौधरी (विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस और सहयोगी शाखाएँ) ने स्वागत भाषण दिया।प्रेरणादायक संबोधन गलगोटिया विश्वविद्यालय के चांसलर, सुनील गलगोटिया ने बौद्धिक संपदा अधिकारों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “नवाचार और अनुसंधान किसी भी राष्ट्र की प्रगति के आधार होते हैं। IPR का ज्ञान छात्रों को अपने विचारों को सुरक्षित रखने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सहायक होगा। गलगोटियास इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से छात्रों को उद्योग-समर्थित ज्ञान देने के लिए प्रतिबद्ध है। गलगोटिया विश्वविद्यालय के सीईओ, डा० ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि “आज का युग नवाचार और स्टार्टअप्स का है। IPR का ज्ञान छात्रों को अपने इनोवेशन को पेटेंट कराने और व्यावसायिक रूप से लागू करने में मदद करेगा। हमारी संस्था छात्रों और शोधकर्ताओं को सही मार्गदर्शन देने के लिए हमेशा तत्पर है।
मुख्य अतिथि एवं वक्ता
गेस्ट ऑफ ऑनर, प्रो-वाइस चांसलर, गलगोटियास यूनिवर्सिटी, प्रो. (डॉ.) अवधेश कुमार ने सभी मुख्य वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत किया। इसके बाद, मुख्य अतिथि प्रो. बृजेश कुमार (इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वीमेन, दिल्ली) ने भारतीय पेटेंट अधिनियम, IPR की मौजूदा स्थिति और भारत में IPR सुविधाओं पर विस्तृत चर्चा की।
कार्यशाला की थीम और प्रमुख विषय था “विचारों की सुरक्षा एवम् भविष्य का निर्माण”
इस विषय के अंतर्गत, निम्नलिखित विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण सत्र लिए: डॉ. दिनेश कुमार (प्रधान वैज्ञानिक, कृषि बायोइन्फॉर्मेटिक्स विभाग, ICAR-IASRI) – भौगोलिक संकेतक (GI) और कृषि क्षेत्र में IPR की भूमिका पर प्रकाश डाला। , डॉ. अनुज कुमार शर्मा (एसोसिएट डीन, नवाचार और सामाजिक उद्यमिता, AKTU) – प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में IPR की भूमिका पर प्रकाश डाला। डॉ. शैलेंद्र सिंह गौरव (नोडल अधिकारी, IPR सेल, आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग, कृषि संकाय) – कृषि अनुसंधान और बौद्धिक संपदा अधिकार पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. तनुप्रिया (पेटेंट अटॉर्नी, एडवोकेट) – AI युग में पेटेंट योग्यता, पेटेंट फाइलिंग और ड्राफ्टिंग प्रक्रिया पर अपनी बात कही।
कार्यशाला की मुख्य: संवादात्मक सत्र – प्रतिभागियों को पेटेंट ड्राफ्टिंग और फाइलिंग की व्यावहारिक जानकारी दी गई।🔸 केस स्टडी चर्चा – वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से IPR के अनुप्रयोगों को समझाया गया।🔸 प्रश्नोत्तर सत्र – छात्रों और शोधकर्ताओं के प्रश्नों का उत्तर विशेषज्ञों द्वारा दिया गया। समापन एवं धन्यवाद ज्ञापनः कार्यशाला का समापन डॉ. यशवीर सिंह (प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस विभाग) द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। अंत में, राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन किया गया। इस बात की जानकारी मीडिया प्रभारी भगवत प्रसाद शर्मा ने दी।