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दिल्ली/ फेस वार्ता भारत भूषण : एम्बीएंटे, 2025 फ्रैंकफर्ट में शुरू।

दिल्ली एम्बीएंटे ,फेयर, 2025 में इंडिया पैवेलियन का उद्घाटन बी.एस. मुबारक, महावाणिज्य दूत, भारत के महावाणिज्य दूतावास, फ्रैंकफर्ट, जर्मनी द्वारा किया गया

इस अवसर पर ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद; प्रिंस मलिक, राजेश के. जैन, अरशद मीर और श्री कमल सोनी, सीओए सदस्य ईपीसीएच; श्री निपुण पांडे, अपर. विकास आयुक्त (हथकरघा); एम्बीएंटे के निदेशक थॉमस कस्टल; और मेस्से फ्रैंकफर्ट इंडिया ट्रेड फेयर के कार्यकारी निदेशक विंस्टन परेरा और मेस्सी फ्रैंकफर्ट में सदस्य निर्यातकों और आगंतुकों की गरिमामयी उपस्थिति रही, आर.के. वर्मा, कार्यकारी निदेशक-ईपीसीएच ने सूचित किया।बी.एस. मुबारक, महावाणिज्यदूत, भारतीय महावाणिज्य दूतावास, फ्रैंकफर्ट, जर्मनी ने अन्य अधिकारियों के साथ ईपीसीएच पैवेलियन का दौरा किया और प्रतिभागियों के साथ बातचीत की तथा एम्बीएंटे 25 में प्रदर्शित भारतीय हस्तशिल्प उत्पादों की विशाल विविधता से प्रसन्न दिखे।ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने कहा कि एम्बीएंटे जर्मनी में आयोजित सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मेलों में से एक है। यहां बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय खरीदार अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आते हैं और मेले में भारतीय निर्यातकों की भागीदारी से विदेशी बाजारों में देश के निर्यात बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि एम्बीएंटे 2025 में प्रतिभागी लिविंग, डाइनिंग, गिविंग सेक्शन में उत्तम उपहार, सजावटी सामान, क्रिसमस सजावट, फैशन आभूषण, लकड़ी के हस्तशिल्प आइटम, कपड़ा साज-सज्जा, चमड़े के उत्पाद, लैंप और प्रकाश व्यवस्था, चीनी मिट्टी की चीज़ें, धूप, बैग और बाथरूम एसेसरीज उत्पादों को तीन खंडों में प्रदर्शित कर रहे हैं। बैद ने अपनी बात को विस्तार देते हुए कहा कि जर्मनी में भारतीय मिशन द्वारा दिया गया सहयोग सराहनीय है, क्योंकि यह हर साल हमारी भागीदारी को काफी सुविधाजनक बनाता है।ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध उपभोक्ता वस्तु मेला एम्बीएंटे 2025 में दुनिया भर के करीब 3000 प्रदर्शक भाग ले रहे हैं। एम्बीएंटे 25 में भारत की भागीदारी मेले की जीवंतता और विविधता को बढ़ाएगी और वैश्विक निर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं और ब्रांडों को भारतीय गृह सज्जा, उपहार और उपभोक्ता उत्पाद उद्योग में मजबूत उद्यमशीलता से परिचित कराएगी और भारत से सोर्सिंग के अवसर खोलेगी। उन्होंने आगे बताया कि मेले में 59 निर्यातकों के साथ परिषद की भागीदारी दुनिया भर से आगंतुकों को आकर्षित कर रही है। ईपीसीएच, देश से विभिन्न वैश्विक गंतव्यों तक हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और भारत की छवि को उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में प्रस्तुत करने वाली नोडल एजेंसी है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया कि 2023-24 के दौरान भारत से 32,759 करोड़ रुपये (3,956 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का हस्तशिल्प निर्यात किया गया, जिसमें रुपये के संदर्भ में 9.13% की जबकि डॉलर के संदर्भ में 6.11% की वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 2023-24 के दौरान जर्मनी को हस्तशिल्प वस्तुओं का निर्यात 1,530.14 करोड़ रुपये (184.88 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा ।

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