फेस वार्ता
ग्रेटर नोएडा, 16 अक्टूबर 2024 एक्सपो बाजार, इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा की सहायक कंपनी जो होम, लाइफस्टाइल और फैशन उत्पादों के लिए एक प्रमुख मार्केटप्लेस है, ने TICA के मार्गदर्शन और समर्थन के साथ भारत के पहले B2B कैश एंड कैरी वेंचर के लॉन्च की घोषणा की है। TICA यूरोप का अग्रणी B2B लाइफस्टाइल पर्चेजिंग और कैश एंड कैरी प्लेटफॉर्म है। इस पहल का उद्घाटन मुख्य अतिथि, सुरेश खन्ना, वित्त मंत्री, उत्तर प्रदेश द्वारा किया जाएगा और विशिष्ट अतिथियों, मार्टिजन क्लिट्यूर, प्रबंध निदेशक, TICA; दिलीप बैद, अध्यक्ष, EPCH; और रोज़ियर विवेल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, TICA, की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न होगा। यह नई पहल व्यवसायियों को होम, लाइफस्टाइल और वेलनेस सेक्टर्स में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों तक अद्वितीय पहुंच प्रदान करेगी साथ ही भारत में एक गतिशील, वन-स्टॉप मार्केटप्लेस तैयार करेगी।
यह नया कैश एंड कैरी वेंचर, इंडिया एक्सपो मार्ट में स्थित है, जो पिछले दो दशकों से हैंडीक्राफ्ट्स के निर्यात का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है और प्रतिष्ठित IHGF दिल्ली मेले का आयोजन स्थल है। यह खुदरा विक्रेताओं, इंटीरियर डिजाइनरों, निर्यातकों और कॉर्पोरेट खरीदारों को थोक लेनदेन में सहजता से शामिल होने का अनूठा अवसर प्रदान करता है। एक्सपो बाजार अपने विक्रेताओं की व्यावसायिक क्षमता को बढ़ाने और B2B सहयोग के लिए एक जीवंत मार्केटप्लेस बनाने के प्रति प्रतिबद्ध है।
TICA के बारे में: TICA, होम, गिफ्ट, गार्डन और फैशन क्षेत्रों में अग्रणी कंपनी है जो कि यूरोप में आपूर्तिकर्ताओं और रिसेलर्स आपस में को जोड़ता है। साथ ही यह एक प्रेरणादायक और कुशल कंपनी है जिसके माध्यम छोटे उद्यमियों से लेकर बड़ी कंपनियों तक, बिना थोक ऑर्डर की बाध्यता के, विविध और बेहतरीन उत्पादों की खरीद की सुविधा प्रदान की जाती है। TICA ने सक्रिय उद्यमिता और सशक्त साझेदारी के जरिये अपनी जड़ों को मज़बूत किया हैं, और इसने यूरोप में B2B थोक बाजार के लिए मानक स्थापित किए हैं।
भारत के बढ़ते रिटेल सेक्टर में B2B थोक कारोबार में क्रांति: भारत का रिटेल सेक्टर, जो राष्ट्रीय GDP में 10% से अधिक का योगदान देता है और जिसमें 2025 तक 60 नए शॉपिंग मॉल खुलने की उम्मीद है, थोक बाज़ार की बढ़ती मांग का सामना कर रहा है। एक्सपो बाजार का कैश एंड कैरी मॉडल इस मांग को पूरा करता है, जो तत्काल खरीदारी, माल की निकासी, भंडारण लागत में कमी और व्यापक विपणन में सहयोग एवं समर्थन प्रदान करता है। IEML और एक्सपो बाजार के चेयरमैन राकेश कुमार ने इस परियोजना के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “एक्सपो बाजार को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला के साथ व्यवसायों को सशक्त बनाने में खुशी हो रही है, जो विकास और सुविधा को बढ़ावा देते हैं। यह कैश एंड कैरी मॉडल भारत के B2B रिटेल परिदृश्य के लिए एक गेम चेंजर है, जो व्यवसायों को अनूठे उत्पादों तक तत्काल पहुंच प्रदान करता है।” TICA के मालिक मार्टिज़न क्लिट्यूर ने एक्सपो बाजार के नॉलेज पार्टनर के रूप में अपने सहयोग पर उत्साह व्यक्त किया और कहा कि “TICA को इस रोमांचक परियोजना में एक्सपो बाजार का नॉलेज पार्टनर बनने पर गर्व है। हमें विश्वास है कि यह कैश एंड कैरी परियोजना भारत में B2B और थोक बाज़ार के अनुभव को पुनर्परिभाषित करेगी। यह पहल TICA की विशेषज्ञता और एक्सपो बाजार के स्थानीय बाजार की गहरी समझ को एक साथ लाई है। यह साझेदारी आपूर्तिकर्ताओं और खरीदारों को विकास और सफलता का अद्वितीय अवसर प्रदान करने के लिए तत्पर है।”
कैश एंड कैरी कार्यक्रम की अनूठी विशेषताएं:
• प्रमुख स्थान: इंडिया एक्सपो मार्ट, हैंडीक्राफ्ट्स निर्यात के एक महत्वपूर्ण केंद्र में स्थित, जो अधिकतम दृश्यता और लोगों की आमद सुनिश्चित करता है।
• तत्काल बिक्री: कैश एंड कैरी फॉर्मेट तत्काल खरीद और माल की निकासी की अनुमति देता है, भंडारण लागत को कम करता है और नकद के प्रवाह को बढ़ाता है।
• व्यापक विपणन समर्थन: लक्षित खरीदारों को आकर्षित करने के लिए व्यापक विपणन अभियानों और ब्रांड दृश्यता का लाभ देता है।
• सुगम संचालन: अत्याधुनिक डिस्प्ले सेंटर्स त्वरित और कुशल ऑर्डर प्रोसेसिंग और डिलीवरी सुनिश्चित करते हैं।
• नेटवर्किंग के अवसर: प्रमुख विक्रेताओं और खरीदारों से जुड़ने, सहयोग और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देने में योगदान देता है।
लक्ष्य खरीदार:
यह कार्यक्रम पेशेवर खरीदारों की एक विस्तृत श्रृंखला को पूरा करता है, जिसमें शामिल हैं:
• रिटेलर्स: बुटीक मालिक, चेन स्टोर और डिपार्टमेंट स्टोर, जो अनूठे और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की तलाश कर रहे हैं।
• इंटीरियर डिजाइनर: पेशेवर जो अपनी परियोजनाओं के लिए अनन्य होम डेकोर और लाइफस्टाइल उत्पादों की तलाश कर रहे हैं।
• निर्यातक: व्यवसाय जो अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए प्रामाणिक भारतीय हस्तशिल्प का स्रोत हैं।
• थोक व्यापारी: कंपनियां जो खुदरा आउटलेट्स के लिए वितरण के लिए थोक में खरीदारी करती हैं।
• कॉर्पोरेट खरीदार: संगठन जो प्रीमियम उपहार और कॉर्पोरेट गिफ्टिंग के लिए आवश्यकतानुसार उत्पादों की आवश्यकता रखते हैं।
यह ऐतिहासिक साझेदारी, जिसमें TICA एक नॉलेज पार्टनर के रूप में शामिल है, भारत के पहले B2B कैश एंड कैरी वेंचर को एक नई दिशा देने के लिए तैयार है, जिससे व्यवसायियों के लिए बेहतरीन उत्पादों की सोर्सिंग पहले से कहीं अधिक आसान और कुशल हो जाएगी।
जनपद के समस्त कृषक अपने खेतों में न जलाये पराली/फसल अवशेष
कृषकों द्वारा पराली/फसल अवशेष जलाये जाने पर नियमानुसार की जायेगी कड़ी कार्यवाही
जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा के निर्देशों के क्रम में संबंधित अधिकारियों द्वारा जनपद के समस्त कृषकों को पराली/फसल अवशेष न जलाये जाने हेतु व्यापक स्तर पर जागरूक किया जा रहा है एवं पराली/फसल अवशेष जलाये जाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से संबंधित कृषकों के विरुद्ध कार्रवाई भी सुनिश्चित की जा रही है। इसी श्रृंखला में उप कृषि निदेशक गौतमबुद्धनगर राजीव कुमार ने जनपद के कृषकों को बताया कि पराली/ फसल अवशेष को अपने खेतों में न जलाये। पराली जलाने के बजाय पशुओं के लिए चारे में प्रयोग करें या खेत में ही डीकम्पोज करके कंपोस्ट तैयार की जाये, जिससे की मृदा की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सके। जनपद में 02 अक्टूबर से 16 अक्टूबर 2024 तक 14 घटनाएं सेटेलाइट द्वारा प्राप्त हुई है, जिनमें 02 घटनाएं पराली जलाने एवं 12 घटनाएं कूड़ा/अवशेष जलाने की प्राप्त हुई है। उन्होंने उक्त घटनाओं के संबंध में बताया कि पहली घटना 07.10.2024 को बुलेटिन संख्या 22 से ग्राम औरंगपुर विकास खण्ड जेवर कृषक नरेन्द्र पुत्र दीपचन्द द्वारा अपने 1.5 एकड़ खेत में पराली जलायी गयी है, दूसरी घटना 16.10.2024 को बुलेटिन संख्या 30 से ग्राम जेवर बांगर विकास खंड जेवर निरीक्षण करने पर घटना स्थल पर पायी गयी कि कृषक खान मोहम्मद पुत्र शेर खान द्वारा 01 है० खेत में पराली जलायी गयी है, जिसके लिये उक्त दोनों कृषकों पर पराली जलाने पर शासन के नियमानुसार एफ०आई०आर एवं 2500/-रुपए जुर्माना की कार्यवाही की गयी है। अत: जनपद के समस्त कृषकों से अपील की जाती है कि अपने खेतों में पराली/फसल अवशेष को न जलाये, जिससे वातावरण प्रदूषित होता है एवं मनुष्य, पशु पक्षियों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है तथा वायु गुणवत्ता में कमी आती है, जिससे आँखों में जलन, त्वचारोग, हृदय व फेफड़ों की गम्भीर बीमारियां हो जाती है। ऐसी स्थिति से बचने हेतु कोई भी कृषक अपने खेतों में पराली/फसल अवशेष को न जलायें।