फेस वार्ता। भारत भूषण शर्मा:-
ग्रेटर नोएडा के पंप हाउस नए लुक में दिखेंगे, जलापूर्ति और बेहतर होगी ऑटोमेशन तकनीक से मोटर को ऑन-ऑफ करने से छुटकारा ऑटोमेशन से जलापूर्ति में मिलेगी मदद, मेनटेनेंस खर्च होगा कम
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में जलापूर्ति के लिए बने पंप हाउस जल्द ही रंग-रोगन के साथ नए लुक-नए अंदाज में दिखेंगे। इसकी शुरुआत हो चुकी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जल विभाग ने सेक्टर-37 स्थित पंप हाउस को नया रंग-रूप देकर आकर्षक बना दिया है। यह ग्रेटर नोएडा का पहला मॉडल पंप हाउस है। इसी तरह से बाकी के पंप हाउस को भी विकसित किया जाएगा। ये पंप हाउस सिर्फ रंग-रोगन से ही नहीं, बल्कि तकनीक वाइज भी इनको अपडेट किया जा रहा है। पंप हाउसों को ऑटोमेशन सिस्टम से लैस करने पर जलापूर्ति में भी मदद मिलेगी और मेनटेनेंस का खर्च भी कम होगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने एसीईओ प्रेरणा सिंह से ग्रेटर नोएडा के सभी पंप हाउसों (करीब 208) को दुरुस्त कराने के निर्देश दिए है। प्रेरणा सिंह ने सबसे पहले अलग-अलग सेक्टरों में बने पंप हाउसों को मौके पर जाकर देखा। उन्होंने जल विभाग की टीम से इन सभी पंप हाउस परिसरों को चमकाने के साथ ही तकनीक वाइज भी अपडेट कर मॉडल पंप हाउस बनाने को कहा। जल विभाग के महाप्रबंधक जितेंद्र गौतम, वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार और लव शंकर भारती की टीम ने सेक्टर 37 के पंप हाउस को मात्र दो दिन में मॉडल पंप हाउस के रूप में तैयार कर दिया। इस पंप हाउस को ऑटोमेशन सिस्टम पर कर दिया गया है। अब इसे चलाने या बंद करने की जरूरत नहीं पडे़गी। टंकी में पानी भर जाने पर खुद बंद हो जाएगा। किसी तरह की तकनीकी फॉल्ट होने पर अलार्म भी बजेगा। इससे जलापूर्ति को और बेहतर करने में मदद मिलेगी। साथ ही इन पंप हाउसों के रखरखाव का खर्च भी पहले से कम होगा। सेक्टर 37 के मॉडल पंप हाउस पर लगभग दो लाख रुपये खर्च हुए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने सेक्टर 37 पंप हाउस की तरह अन्य पंप हाउसों को शीघ्र विकसित किए जाने की बात कही है।