Spread the love
21 Views

फेस वार्ता:- 

ग्रेटर नोएडा:-  शारदा विश्वविद्यालय के रसायन व जैव रसायन विभाग ने स्नातक, परास्नातक व पीएचडी के विद्यार्थियों के लिए एक शोध परक कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रभावशाली लेखन व डेटा इंटरप्रिटेशन के क्षेत्र में प्रयोग किये जाने वाले सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण देना है ।

विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बेसिक साइंस एंड रिसर्च अस्सिटेंट प्रोफेसर डॉ आशीष चलाना ने बताया कि इस कार्यशाला में ओरिजन, केम ड्रॉ, मेंडलैं आदि जैसे सॉफ्टवेयर को प्रयोग करके रिपोर्ट्स, शोध पत्र, आर्टिकल्स आदि प्रभावशाली ढंग से लिखना सिखाया गया । वैज्ञानिक अनुसंधान में कंप्यूटर का अत्यधिक उपयोग किया जाता है और यह एक महत्वपूर्ण उपकरण है। अनुसंधान प्रक्रिया कंप्यूटर के माध्यम से भी की जा सकती है। बड़ी संख्या में नमूनों को संसाधित करने के लिए कंप्यूटर बहुत उपयोगी और महत्वपूर्ण उपकरण हैं। इसमें कॉम्पैक्ट डिस्क और सहायक मेमोरी जैसे कई स्टोरेज डिवाइस हैं। विभागाध्यक्ष डॉ अनुपम अग्रवाल ने बताया कि भिन्न भिन्न विभागों के करीब 40 से अधिक विद्यार्थियों ने इस कार्यशाला में भाग लिया । उन्होंने कहा कि शोध के क्षेत्र में बिना तकनीक के आगे नहीं बढ़ा जा सकता, इसलिए हर शोधार्थी को इन सॉफ्टवेयर्स की जानकारी आवश्यक है चाहे वह किसी भी क्षेत्र में शोध कर रहा हो । सॉफ्टवेयर शोध में इस्तेमाल किए जाने वाले कई उपकरणों का एक अभिन्न अंग है। उदाहरणों में दूरबीन, कण त्वरक, माइक्रोस्कोप, एमआरआई स्कैनर और अन्य उपकरणों में सॉफ्टवेयर शामिल हैं। ध्यान दें कि उपकरण शब्द की व्याख्या व्यापक रूप से की जानी चाहिए।विभिन्न शोध विषयों में कई अलग-अलग प्रकार के (भौतिक और आभासी) उपकरण हैं। उदाहरण के लिए, सामाजिक विज्ञान में, सर्वेक्षण सॉफ्टवेयर को एक उपकरण माना जा सकता है, जहाँ एक घटक डेटा (ऐप, वेबसाइट, आदि) एकत्र करने के लिए उपयोगकर्ता सामना करने वाला सॉफ्टवेयर हो सकता है। स्कूल ऑफ बेसिक साइंस एंड रिसर्च के डीन प्रोफेसर श्यामल कुमार बनर्जी ने कार्यशाला के सफल आयोजन पर शिक्षकों व विद्यार्थियों को बधाई दी ।

Loading

You missed