फेस वार्ता
1.60 लाख वर्ग मीटर जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया
रजिस्ट्री का प्रपत्र प्राधिकरण को उपलब्ध कराएं ताकि कॉलोनाइजरों पर कानूनी कार्रवाई हो सके
ग्रेटर नोएडा में कहीं भी जमीन खरीदने से पहले प्राधिकरण से संपर्क कर पूरी जानकारी जरूर प्राप्त कर लें।
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्राम तुस्याना की अधिग्रहित व कब्जा प्राप्त जमीन और बिसरख के डूब क्षेत्र की जमीन पर बन रहे अवैध निर्माण को तोड़ दिया। दोनों जगह पर प्राधिकरण की टीम ने करीब *1.60 लाख* वर्ग मीटर जमीन मुक्त कराई है। तुस्याना में अधिग्रहण से मुक्त कराई गई जमीन की कीमत करीब 100 करोड़ रुपये होने का आकलन है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी हिमांशु वर्मा ने बताया कि गांव तुस्याना के खसरा नंबर 987, 988 और 989 की जमीन प्राधिकरण की अधिग्रहित व कब्जा प्राप्त जमीन है। कॉलोनाइजर इस जमीन पर कॉलोनी काट रहे थे। शनिवार को परियोजना विभाग के वर्क सर्किल 3 के प्रभारी मनोज सचान, प्रबंधक प्रशांत समाधिया, सहायक प्रबंधक गौरव बघेल व सहायक प्रबंधक मनोज चौधरी की टीम प्राधिकरण के सुरक्षाकर्मियों के साथ मौके पर पहुंची और अवैध अतिक्रमण को ढहा दिया। टीम ने करीब 50 हजार वर्ग मीटर जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करा लिया है।
5 जेसीबी और दो डंफर का इस्तेमाल कर यह कार्रवाई की गई। इसी तरह बिसरख के डूब क्षेत्र में खसरा नंबर 1, 2 व 3 की लगभग 1.10 लाख वर्ग मीटर जमीन को भी अतिक्रमण से मुक्त कराते हुए प्राधिकरण ने कब्जे में ले लिया है। यह प्राधिकरण की अधिग्रहित व कब्जा प्राप्त जमीन है। ओएसडी ने चेतावनी दी है कि प्राधिकरण की अधिसूचित एरिया में जमीन कब्जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होेंने परियोजना विभाग के सभी वर्क सर्किल प्रभारियों को अपने एरिया में जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए कड़ी नजर रखने और अतिक्रमण की सूचना मिलते ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने कहा है कि अवैध रूप से जमीन कब्जा कर काटी जा रही कॉलोनी में अपनी गाढ़ी कमाई न फंसाएं। अगर किसी कॉलोनाइजर से अवैध कॉलोनी में प्लॉट खरीदा है तो रजिस्ट्री का प्रपत्र लेकर पुलिस से शिकायत करें। साथ ही इसकी एक कॉपी प्राधिकरण को भी उपलब्ध कराएं ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा है कि ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित एरिया में किसी भी व्यक्ति को अवैध निर्माण करने की इजाजत नहीं है।