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वर्ल्ड ओबेसिटी डे पर विशेष

मोटापा: एक गंभीर बीमारी, नज़रअंदाज़ करने से बढ़ती हैं स्वास्थ्य की जटिल समस्याएँ

ग्रेनोएडा/ फेस वार्ता ग्रेटर नोएडा फोर्टिस, ग्रेटर नोएडा के डायरेक्टर, जनरल सर्जरी, डॉ. जगदीश चंदर ने वर्ल्ड ओबेसिटी डे के अवसर पर समाज के ज्यादातर लोगों को प्रभावित करने वाली बीमारी मोटापे के बारे में लोगों को सावधान करते हुए कहा, “मोटापा जीवनशैली से जुड़ी बीमारी है, जो अपने साथ कई जानलेवा बीमारियों को लेकर आती है।

खासकर एनसीआर में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। एक सामान्य अनुमान के मुताबिक, यहां 25-30% लोग मोटापे से ग्रस्त हैं, और हर साल यह संख्या बढ़ती जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि जो मरीज अन्य सर्जरी के लिए अस्पताल आते हैं, उनमें से भी बड़ी संख्या में लोग अत्यधिक मोटापे के शिकार होते हैं।वे आगे बताते हैं, “दुर्भाग्यवश, आज भी कई लोग मोटापे को एक बीमारी नहीं, बल्कि समृद्धि और अच्छे जीवन की निशानी समझते हैं। लेकिन सच यह है कि मोटापे का बुरा प्रभाव सिर्फ़ इस बात पर नहीं पड़ता कि आप दिखने में कैसे लगते हैं, बल्कि आपकी सेहत को भी ये बुरी तरह प्रभावित करता है।”मोटापे से जुड़ी भ्रांतियओं को दूर करते हुए उन्होंने कहा, “प्रायः लोग मानते हैं की मोटापा केवल दिल, डायबिटीज़ या ब्लड प्रेशर तक अपने बुरे प्रबाव में सीमित है, ऐसा बिल्कुल नहीं है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों की प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी) पर भी बुरा असर डालता है। महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं, जिससे गर्भधारण करने में कठिनाई होती है। वहीं, पुरुषों की फर्टिलिटी भी मोटापे के कारण प्रभावित होती है। इसके अलावा, डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन जैसी मोटापे से जुड़ी बीमारियां भी बांझपन (इनफर्टिलिटी) का कारण बन सकती हैं।”डॉ. जगदीश चंदर, मोटापे के सही समय पर इलाज पर ज़ोर देते हुए कहते हैं, “अब समय आ गया है कि हम मोटापे को हल्के में लेना बंद करें। यह कोई सामान्य स्थिति नहीं, बल्कि एक गंभीर बीमारी है, जिसे सही खानपान, सक्रिय जीवनशैली और जागरूकता के जरिए रोका जा सकता है। स्वस्थ शरीर ही असली समृद्धि है—अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और एक बेहतर जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।

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