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गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा से होकर महाकुंभ 2025 स्नान के लिए जा रहे संत महात्माओं का ग्रेटर नोएडा के लखनावली गांव में संतों का सम्मान कर विदा किया गया।

स्वतंत्रता दिवस के बाद यह गणतंत्र दिवस देश का दूसरा सबसे बड़ा पर्व है, इसकी ऐतिहासिक महता को कभी नहीं भूलना चाहिए:राष्ट्रीय ग्राम प्रधान राज संगठन के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित लोकमन प्रधान (लखनावली)।

ग्रेटर नोएडा/फेस वार्ता: महाकुंभ 2025 के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाकुंभ सनातन संस्कृति का एक सबसे बड़ा पर्व है। यह सौभाग्य है कि हम सबको यह महाकुंभ करीब 144 साल के बाद देखने को मिल रहा है, शायद कई पीढियां के बाद यह महाकुंभ पुनः आयोजित होगा।

प्रत्येक सनातनी व्यक्ति को महाकुंभ में जाकर स्नान जरूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सनातन संस्कृति के लिए बड़ा गौरव का पल है कि कई दूसरे धर्म संस्कृति के लोग भी महाकुंभ की महत्ता को देखकर खासा आकर्षित हो रहे हैं। महाकुंभ में सभी दूसरे धर्म संस्कृति के लोगों का भी स्वागत है, वह भी फल इच्छा के लिए जरूर स्नान करें।सनातन संस्कृति के लिए बड़ा गौरव का पल है कि कई दूसरे धर्म संस्कृति के लोग भी महाकुंभ की महत्ता को देखकर खासा आकर्षित हो रहे हैं। महाकुंभ में सभी दूसरे धर्म संस्कृति के लोगों का भी स्वागत है, वह भी फल इच्छा के लिए जरूर स्नान करें,

गणतंत्र दिवस के पावन पर पर्व पर राष्ट्रीय ग्राम प्रधान राज संगठन के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित लोकमन प्रधान (लखनावली) ने महाकुंभ 2025 में स्नान के लिए जा रहे संत महात्माओं का शॉल और कंबल ओढ़ा कर सम्मान किया और दान दक्षिणा देकर संगम स्थल प्रयागराज के लिए विदा किया। यह संत महात्मा ग्रेटर नोएडा से होकर महाकुंभ के लिए संगम स्थल प्रयागराज जा रहे थे। राष्ट्रीय ग्राम प्रधान राज संगठन के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित लोकमन प्रधान (लखनावली) मकर संक्रांति जैसे पर्वों पर संत महात्माओं और समाज के जरूर बंद लोगों को कंबल आदि वितरित कर सम्मानित करते रहे हैं। ग्रेटर नोएडा के लखनावली गांव स्थित आवास पर राष्ट्रीय ग्राम प्रधान राज संगठन के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित लोकमन प्रधान ( लखनावली) ने करीब 50 संत महात्माओं को शॉल, कंबल, मिठाई और दान दक्षिण भेंटकर विदा किया। गणतंत्र दिवस और महाकुंभ 2025 के महत्व पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय ग्राम प्रधान राज संगठन के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित लोकमन प्रधान (लखनावली) ने कहा कि इस बार देश 76 वें गणतंत्र दिवस की वर्षगांठ मना रहा है। 26 जनवरी सन 1950 को देश में संविधान लागू हुआ था। स्वतंत्रता दिवस के बाद यह गणतंत्र दिवस देश का दूसरा सबसे बड़ा पर्व है, इसकी ऐतिहासिक महता को कभी नहीं भूलना चाहिए।

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