Spread the love
4 Views

ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाने में शारदा विश्वविद्यालय के सहयोग से मनाया गया स्थापना दिवस

पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। इसमें खास तरह का क्लीनिक भी शामिल है। जिसे नॉलेज थाना में शारदा विश्वविद्यालय के सहयोग से खोला गया । जिसका नाम फैमिली डिस्प्यूट रिसोल्युशन क्लीनिक है। पारिवारिक विवादों को बिना कानूनी कार्रवाई के खत्म किया जाता है। इसको आज चार वर्ष हो गए । शुक्रवार को जिसका चौथा स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह, एडिशनल कमिश्नर अजय कुमार का शारदा विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता, वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा ने स्वागत किया। विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता ने कहा कि इस क्लिनिक को बेहतर बनाने के लिए पुलिसकर्मी और स्टाफ की ओर काम कर रहे है। हमारा सपना ऐसा की हम ऐसे स्टूडेंट्स दे जो समाज की बेहतरी और सेवा के लिए काम कर सके। एफडीआरसी में मनोवैज्ञानिक और लॉ विभाग अहम भूमिका निभा रहे।बिना एफआईआर से मामलों को सुलझाना काबिले तारिफ है। सप्ताह में यह क्लिनिक दो दिन चलता है हमारा यह प्रयास है कि इसे हम पूरे सप्ताह तक चला सके। उन्होंने कहा कि शारदा विश्वविद्यालय में काउंसलिंग सेंटर है यहां आकर लोग अपने विवादों को सुलझा सकते है। इस कार्य में शारदा विश्वविद्यालय का स्टाफ और पुलिसकर्मी बहुत अच्छा कार्य कर रहे है। यह प्रयास यूपी में मिसाल बनें और पूरे भारत में इस तरह के केंद्र कार्य करे।कार्यक्रम में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह कहा कि महिलाओं को ध्यान देना चाहिए कि जितना त्याग, बलिदान और मेहनत आप कर रहे हो उतना ही पुरुष कर रहा है, अगर ये बात दोनों को समझ आ गई तो ऐसी समस्या नही आएगी। किसी भी रिश्ते को तोड़ना बहुत आसान है लेकिन बनाया रखना बहुत मुश्किल है। जिंदगी में अच्छा करना है तो रिश्तों को बनाया रखना जरुरी है। तभी आप सफलता हासिल कर सकते है। अगर परिवार टूटता है तो सभी पर असर पड़ता चाहे वो महिला हो या पुरुष। एफआईआर करना और नामजद लोगों को जेल भेजना पुलिस के लिए बहुत आसान काम है। किसी टूटते हुए परिवार को जोड़ना बहुत महत्वपूर्ण कार्य है। विशेषज्ञों द्वारा उचित परामर्श प्रदान किया जाता है ताकि एफआईआर दर्ज करने के बजाय एक लंबा समाधान खोजा जा सके। शारदा विश्वविद्यालय और अस्पताल के कानूनी, मनोचिकित्सक और मनोविज्ञान विभागों के तीन संकाय सदस्यों और पुलिसकर्मियों के साथ सलाह ले रहे है। हम यूपी के अन्य राज्यों में लागू करने के लिए प्रदेश सरकार को भेजने के लिए प्रपोजल तैयार कर रहे है।शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ के डीन डॉ ऋषिकेश दवे ने बताया कि विवाहित जोड़ों के बीच घरेलू हिंसा के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए विश्वविद्यालय और गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क पुलिस स्टेशन में एक पारिवारिक विवाद समाधान (एफडीआरसी) क्लिनिक चार साल पहले स्थापित किया है। साल 2024 में 210 मामले आए जिनमें से 199 मामले का सफल निवारण शारदा विश्वविद्यालय की टीम ने किया। जिसकी सफलता 95 प्रतिशत रही ।जिसमें 11 मामलों में एफआईआर दर्ज हुई । हर वर्ष विवादों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसको लेकर पुलिस कमिश्नर, डीसीपी सुनीति और पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर कुछ नए कदम उठाए जा रहे है। एफडीआरसी क्लिनिक में कार्य करने वाले शारदा विश्वविद्यालय के स्टाफ डॉ संस्कृति मिश्रा, डॉ अविनाश कुमार,डॉ सचिता रे,डॉ तरुण कुमार कौशिक,डॉ अक्क्षा फातिमा,सब इंस्पेक्टर ललिता चौहान,हेड कांस्टेबल आंचल सैनी पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और शारदा विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता ने सम्मानित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *