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फेस वार्ता। भारत भूषण शर्मा:-  गलगोटियाज यूनिवर्सिटी और निम्मया फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से स्मार्ट फेलोशिप प्रोग्राम के भव्य दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उन विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने शिक्षा और सामाजिक सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कार्यक्रम के प्रमुख विषय समाज, पर्यावरण संरक्षण, और महिला सशक्तिकरण थे।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन की प्रेरणादायक पंक्तियों से हुई, जिसने विद्यार्थियों को प्रेरित किया:

 

तू न थकेगा कभी,

तू न रुकेगा कभी,

तू न मुड़ेगा कभी,

कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!”

इन पंक्तियों ने सभी को शिक्षा के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा दी।समारोह में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं सुश्री आराधना गलगोटिया, ऑपरेशंस डायरेक्टर, पूर्व कुलपति प्रो. (डॉ.) रेनू लूथरा, वर्तमान कुलपति प्रो. (डॉ.) के. मल्लिकार्जुन बाबू, प्रो-वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) अवधेश कुमार, रजिस्ट्रार डॉ. नितिन गौर, और अन्य विशिष्ट गणमान्य अतिथियों ने अपने विचार साझा किए और विद्यार्थियों को भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं।निम्मया फाउंडेशन की सह-संस्थापक सुश्री नव्या नवेली नंदा और स्मार्ट फेलोशिप के सह-संस्थापक सम्यक चक्रवर्ती ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सुश्री नव्या नवेली नंदा ने महिलाओं के सम्मान और आत्मनिर्भरता के महत्व पर जोर दिया, जबकि श्री सम्यक चक्रवर्ती ने युवाओं को समाज में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया।भारतीय संस्कृति में महिलाओं के सम्मान पर एक विशेष चर्चा आयोजित की गई, जिसमें “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते तत्र रमन्ते देवता” (जहां महिलाओं का सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं) जैसे श्लोक द्वारा महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया गया।सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया और दीप प्रज्वलन के बाद गलगोटियाज यूनिवर्सिटी के छात्रों को उनके अनूठे योगदान और समर्पण के लिए सम्मानित किया गया।गलगोटियाज यूनिवर्सिटी के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि महिलाओं का सम्मान केवल कानून और अधिकारों से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की मानसिकता और दृष्टिकोण को भी दर्शाता है। समाज में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण बदलना और उनकी सुरक्षा के लिए संवेदनशीलता बढ़ाना आवश्यक है। जब तक महिलाओं के प्रति हिंसा, शोषण, और भेदभाव समाप्त नहीं होते, तब तक महिलाओं का सम्मान अधूरा है। महिलाओं की सुरक्षा और हिंसा पर कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।गलगोटियाज यूनिवर्सिटी की ऑपरेशंस डायरेक्टर सुश्री आराधना गलगोटिया ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी के रूप में माना जाता है। वे जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, चाहे वह परिवार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा हो या राजनीति। वे सृजन की शक्ति, मातृत्व का सार, और समाज की नींव का प्रतीक हैं। सुश्री नव्या नवेली नंदा और श्री सम्यक चक्रवर्ती को सम्मानस्वरूप गुलदस्ते और स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।समारोह का समापन करते हुए कुलपति प्रो. (डॉ.) के. मल्लिकार्जुन बाबू ने इस कार्यक्रम को विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों को अच्छे नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हैं बल्कि उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी प्रेरित करते हैं। इस बात की जानकारी भगवत प्रसाद शर्मा पीआरओ गलगोटियाज यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश ने दी।

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