फेस वार्ता। भारत भूषण शर्मा:
दिल के मामले में – रोकथाम इलाज से बेहतर है डॉ. एल के झा, एसोसिएट डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज
नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना क्यों जरूरी है
फरीदाबाद:- स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, और हृदय रोग का समय पर पता लगाना बेहद ज़रूरी है। हृदय रोग (सीवीडी) दुनिया में मौत का एक बड़ा कारण है, लेकिन नियमित जांच से इसे जल्दी पकड़ा जा सकता है। फिर भी, कई लोग, खासकर युवा, इसे जरूरी नहीं समझते। यह सोच गलत है, क्योंकि समय पर पहचान से आपकी जान बच सकती है।
नियमित स्वास्थ्य जांच के फायदें:
1. जोखिम का पता लगाना: कई हृदय रोगों के लक्षण बिना बताए बढ़ते हैं, जैसे हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल। नियमित चेक-अप से डॉक्टर इन्हें पहचान सकते हैं और पहले ही कार्रवाई कर सकते हैं।2. ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की निगरानी: इनका कोई लक्षण नहीं होता, लेकिन ये हृदय को नुकसान पहुंचा सकते हैं। समय पर जांच से इनकी पहचान होती है और इलाज संभव होता है।3. मधुमेह और हृदय स्वास्थ्य: मधुमेह एक बड़ा खतरा है। नियमित जांच में ब्लड शुगर की जांच शामिल करने से आप इसे सही तरीके से नियंत्रित कर सकते हैं।4. पारिवारिक इतिहास: अगर आपके परिवार में हृदय रोग का इतिहास है, तो आपको नियमित जांच करवाना चाहिए। इससे समय पर बदलावों की पहचान हो सकती है। जांच में क्या होता है: ब्लड प्रेशर टेस्ट: हाई ब्लड प्रेशर की जांच,कोलेस्ट्रॉल टेस्ट: “खराब” और “अच्छा” कोलेस्ट्रॉल चेक करना ब्लड शुगर टेस्ट: मधुमेह की पहचान, बीएमआई माप: यह जानने के लिए कि आपका वजन सामान्य है या नहीं, ईसीजी: हृदय की विद्युत गतिविधियों की जांच।
चेक-अप कब कराना चाहिए? 20-39 साल के लोगों के लिए, अगर कोई खास जोखिम न हो, तो हर 2-3 साल में एक बार जांच कराना ठीक है। लेकिन 40 साल की उम्र के बाद, या अगर परिवार में हृदय रोग है, तो हर साल चेक-अप करवाना चाहिए।