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फेस वार्ता 

जीएलबीआईएमआर कॉलेज में टाइम मैंनेजमेंट और डिस्ट्रीब्यूशन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

ग्रेटर नॉएडा: जीएलबीआईएमआर कॉलेज में टाइम मैंनेजमेंट और डिस्ट्रीब्यूशन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुंबई से डब्बावाला कंपनी के एमo डीo संदीप शांताराम गैकर और सीईओ सुनील पीo गावंडे ने भाग लिया और छात्रों से अपने अनुभवों को साझा किया। संदीप गैकर ने टाइम मैंनेजमेंट और डिस्ट्रिब्यूशन पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को बताया की डब्बावाला कंपनी और उसके 5 हजार कर्मचारी किस तरह से पिछले 132 सालों से बिना किसी देरी और रूकावट के महानगर में 4 लाख लोगों को घर का शुद्ध खाना मुहैया कराते है। उन्होंने छात्रों से कहा प्रत्येक इंसान अपने साथ-साथ देश का भविष्य भी बदल सकता है

लेकिन इसके लिए टाइम मैंनेजमेंट और संघर्ष जरुरी है। सफलता का कोई शार्ट कट नहीं होता अगर हम अनपढ़ लोग कंपनी बना सकते है तो आप जैसे पढ़े लिखे छात्र क्यों नही। सीईओ सुनील पीo गावंडे ने कहा की पहले कंपनी के कर्मचारियों की परेशानी के बारें में कोई नहीं सोचता था। इसीलिए हमने वर्ष 2017 में डब्बावाला इंटरप्राइजेज की स्थापना की। तथा देश की एक मात्र कंपनी बनाया जिसमें सभी का एक समान वेतन है। सभी के लिए 10 लाख का इंश्योरेंस है, डब्बावला वूमन सैल की स्थापना की। और कंपनी देश के विकास के लिए मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में योगदान भी देती है। अब हमारा उदेश्य डब्बावाला को मल्टी नेशनल कांपनी बनाना है। अंत में प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया जिसमें सम्बंधित विषय से छात्रों ने सवाल पूछे। एक सवाल कि रेल के देर होने या हड़ताल में कैसे डब्बा पहुँचाते है। संदीप ने कहा कि डब्बावाला में 132 सालों में कभी हड़ताल नहीं हुई है ऐसी अवस्था में साईकिल या अन्य साधन से पहुँचाते है। एक अन्य छात्र ने पूछा कि मोटिवेशन कहाँ से आता है। कहा की एडवांश प्लानिंग और एक दूसरे की मदद करने की भावना से मोटिवेशन आता है। 5 हजार लोग कैसे मैंनेज रहते है सभी कंपनी के मालिक है इसीलिए सभी जिम्मेदारी निभाते है। एक छात्रा ने पूछा की ऑनलाइन पोर्टल से आपके व्यापार पर क्या फर्क पड़ता है। उत्तर देते हुए कहा कि हम डोर टू डोर और व्यक्तिगत रूप से कार्य करते है जिससे हमारी क्वालिटी अच्छी है इसलिए कोई फर्क नहीं पड़ता है। हमारी रेटिंग 99.99 है। इस दौरान कॉलेज की निदेशक डॉo सपना राकेश और विभाग के अन्य अध्यापक मौजूद रहे।

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