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ग्रेटर नोएडा वर्ल्ड स्कूल के सभागार में  राष्ट्रचिंतना की 18 वीं गोष्ठी का आयोजन”सनातन धर्म के प्रति भ्रांतियां एवं समाधान” विषय पर किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता सेवानिवृत विंग कमांडर (प्रोफेसर) आर एन शुक्ला ने की।इस गोष्ठी में गौतम खट्टर सुप्रसिद्ध वक्ता, संस्थापक सनातन संघ व यूट्यूबर रहे। मंच संचालन प्रोफेसर विवेक कुमार, निदेशक, एमिटी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, एमिटी विश्वविद्यालय ने किया।विषय परिचय करवाते हुए प्रोफेसर विवेक ने कहा कि शाश्वत सनातन धर्म में अनेक भ्रांतियां फैलाने का कार्य विद्रोही एवं विधर्मी करते रहते हैं उनके निराकरण का प्रयास सजग सबल समाज सतत करता रहे यह नितांत आवश्यक है।

गौतम खट्टर ने अपनी ओजस्वी वाणी एवं प्रेरक उद्बोधन में कहा कि सनातनियों ने हमेशा सम्पूर्ण विश्व को अपने परिवार की तरह माना, जबकि बाकी दुनिया ने व्यापार की तरह देखा। सनातनी हमेशा सभी प्राणियों के कल्याण की भावना करते हैं जबकि इस्लाम में कुरान की आयतें काफिरों को समाप्त करने या धर्मांतरण पर बल देती हैं। उन्होंने बाइबल को उद्धृत करते हुए कहा कि सेक्शन 34, 35, 36 में तीन जगह पर लिखा गया है कि बाइबल विश्व मे शांति के लिए नहीं है। परिवार की एकरूपता को विखंडित कर परिजनों के बिखराव की जननी है। उन्होंने युवा शक्ति को स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा लिखित सत्यार्थ प्रकाश को पढ़ने व इसके सूत्रों को जीवन मे चरितार्थ करने पर बल दिया। अभिभावकों को युवा शक्ति को शिशुकाल से ही सनातन रीति नीति, संस्कारों से परिचित करने को प्रेरित किया।उन्होंने बलि प्रथा, श्रावण माह में शिव भक्तों के नशे मे प्रवृत्त रहने को सनातन में निषेध बताया। उन्होंने कहा कि लैंड जिहाद, लव जिहाद पर समाज को सतर्क रहने की आवश्यकता है। सज्जन शक्ति का प्रयास रहे की बालिकाओं को सनातनी संस्कारों से शिक्षित किया जाए ताकि कोई भी विधर्मी उनके धर्मांतरण का प्रयास करें तो वह उसका समुचित उत्तर दे सकें। उन्होंने कहा कि जो कश्मीर फाइल, केरल फाइल को एक परिकल्पना बताते थे वह आज बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को देखकर अपनी भावी पीढ़ी की सुरक्षा एवं देखभाल के लिए सजग एवं सबल बनें। राम व अन्य देवताओं का मंदिर बनाना आवश्यक है लेकिन प्रयास यह रहे की युवा उनके चरित्रों को भी अपने जीवन में उतार पाए। इसी उद्देश्य से गौतम जी राम लला गुरुकुल निर्माण का संकल्प पूर्ण करने को प्रयासरत हैं।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर आर एन शुक्ला ने कहा की शाश्वत सनातन धर्म के मूल्य कोई छद्म मुद्रा नहीं है, कि वह प्रचलन में आई तो शाश्वत सनातन धर्म विखंडित हो जाएगा। उन्होंने मातृ शक्ति का आह्वान किया की सनातन का संवर्धन आपके ही करकमलों द्वारा संभव है। अतः समाज में महती भूमिका के लिए आपको आगे आना होगा। अंत में गायत्री परिवार, ग्रेटर नोएडा के सदस्यों ने एक लघु नृत्य नाटिका के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान द्वारा किया गया। गोष्ठी में डॉ नीरज कौशिक, नौरंग सिंह, डॉ पल्लव गुप्ता, राजेंद्र सोनी, कर्नल लाखन सिंह, मुकेश रावत, सुरेंद्र, आदि प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

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