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जीबीनगर/फेस वार्ता: गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के वास्तुकला और क्षेत्रीय नियोजन विभाग ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें प्रतिष्ठित संरक्षण वास्तुकार निशांत उपाध्याय ने सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर एक विशेषज्ञ वार्ता दी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विरासत संरक्षण की तकनीकों, सिद्धांतों और उनके आधुनिक दृष्टिकोण के महत्व को समझाना था।

निशांत उपाध्याय, ‘धरातल’ डिज़ाइन फर्म के संस्थापक हैं और जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर UNESCO, ICOMOS तथा अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में विशेषज्ञ के रूप में कार्य कर चुके हैं, ने अपनी व्यापक जानकारी और अनुभव साझा किए। उन्होंने इस वार्ता में बताया कि किस प्रकार आधुनिक वास्तुकला में पारंपरिक विरासत को संरक्षित करते हुए समग्र विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है।वार्ता के दौरान उन्होंने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संरचनाओं की प्रामाणिकता और पर्यावरण के साथ जुड़े संरक्षण के महत्वपूर्ण पहलुओं पर जोर दिया। छात्रों को यह समझाया गया कि विरासत संरक्षण परियोजनाओं को समग्र दृष्टिकोण से देखना चाहिए, जिसमें सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलुओं को प्राथमिकता दी जाए। इस कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष ए.आर. अनंत प्रताप सिंह, ए.आर. माधुरी अग्रवाल, डॉ. निर्मिता मेहरोत्रा और अन्य संकाय सदस्य उपस्थित थे। यह वार्ता छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी, जिसमें उन्हें भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमारी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की दिशा में काम करने की अहमियत समझाई गई।