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आईएमएस में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत

नोएडा। फेस वार्ता भारत भूषण : इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (आईएमएस) नोएडा में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। बृहस्पतिवार को सम्मेलन के पहले दिन बतौर मुख्य अतिथि एनटीपीसी पावर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की कार्यकारी निदेशक रचना सिंह भाल, विशिष्ट अतिथि आर्या एज के सीनियर जनरल मैनेजर जोगिंदर रल्हन, पीएमओ एवं गृह मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार सुश्री शांति एवं कार्थेज विश्वविद्यालय, ट्यूनीशिया की प्रेसिडेंट नादिया जौघी ने अपने विचार प्रकट किए।

वहीं सम्मेलन के दौरान आईएमएस के प्रसिडेंट राजीव कुमार गुप्ता, महानिदेशक प्रोफेसर (डॉ.) विकास धवन, डीन डॉ. नीलम सक्सेना का साथ शिक्षक एवं छात्रों ने अपनी मौजूदगी दर्ज करायी।सम्मेलन की शुरुआत करते हुए प्रोफेसर (डॉ.) विकास धवन ने कहा कि आईएमएस के 8वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रबंधन, प्रौद्योगिकी एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विकसित भारत 2047 के अंतर्गत सशक्त परिवर्तन के माध्यम से भविष्य के लिए नवाचार पर विशेष चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि तकनीक और नवाचार के इस युग में, हमें न केवल वर्तमान की चुनौतियों को समझना होगा, बल्कि भविष्य की संभावनाओं को भी तलाशना होगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य ज्ञान, नवाचार और शोध को एक साझा मंच पर लाना है, जहां उद्योग जगत के दिग्गज, शिक्षाविद और शोधकर्ता अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकें।सम्मेलन के मुख्य अतिथि रचना सिंह भाल ने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धी युग में कौशल विकास और नवाचार ही सफलता की कुंजी हैं। भारत तेजी से डिजिटल और तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए हमें सशक्त परिवर्तन को अपनाना होगा और प्रबंधन, तकनीकी नवाचार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देना होगा। वहीं जोगिंदर रल्हन ने कहा कि आधुनिक प्रबंधन और तकनीकी नवाचार किसी भी राष्ट्र की प्रगति के मूल आधार हैं। यदि हम वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनना चाहते हैं तो हमें सतत अनुसंधान, नवाचार और डिजिटल परिवर्तन को अपनाने की आवश्यकता है। सम्मेलन के दौरान सुश्री शांति ने कहा कि स्टार्टअप संस्कृति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और ऑटोमेशन जैसे क्षेत्रों में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में छात्रों और उद्योग विशेषज्ञों को मिलकर नए अवसरों की पहचान करनी होगी एवं इन परिवर्तनों को अपनी रणनीतियों में शामिल करना होगा। वहीं नादिया जौघी ने कहा कि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, उद्यमिता और सतत विकास आज की प्रमुख जरूरतें हैं। यदि हम एक सशक्त भविष्य का निर्माण करना चाहते हैं, तो हमें छात्रों और पेशेवरों को नवीनतम तकनीकों और प्रबंधन रणनीतियों से अवगत कराना होगा। उन्होंने आईएमएस नोएडा के इस सम्मेलन की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे शैक्षणिक आयोजनों से वैश्विक स्तर पर शिक्षा और उद्योग जगत के बीच संवाद को बढ़ावा मिलता है, जिससे छात्रों को अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में सीखने और बढ़ने का अवसर मिलता है।

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