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गौतमबुद्धनगर/ फेस वार्ता भारत भूषण : शासन एवं जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा के निर्देशों के क्रम में प्रभारी परियोजना अधिकारी डूडा गौतम बुद्ध नगर वेद प्रकाश पांडेय द्वारा बताया गया कि जनपद में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी फेज 2.0 संचालित है। योजना के अंतर्गत दुर्लभ आय वर्ग, निम्न आय वर्ग, मध्यम आय वर्ग श्रेणी के शहरी गरीब एवं मध्यवर्गीय परिवार शहरी क्षेत्र में किफायती दरों पर आवास निर्माण/क्रय व किराए पर लेने हेतु वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने पात्रता के संबंध में बताया कि शहरी क्षेत्र में निवासित ऐसे परिवार जिनके पास देश में कहीं भी पक्का आवास नहीं है, वे प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे। एक लाभार्थी परिवार में पति-पत्नी, विवाहित पुत्र/पुत्री शामिल होगी। योजना के तहत एक लाभार्थी किसी भी एक घटक के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होगा। ऐसे लाभार्थी परिवार जिनको विगत 20 वर्षों में केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार की किसी भी आवास योजना के तहत लाभ/आवास प्राप्त हुआ है, वह प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होंगे। इस संबंध में निकाय द्वारा मांग को सत्यापित करते समय लाभार्थी से एक स्व-घोषणा भी प्राप्त की जाएगी।उन्होंने यह भी बताया कि परिवार की वार्षिक आय के आधार पर श्रेणी निर्धारण की गई है, जिसमें दुर्बल आय वर्ग के परिवार की वार्षिक आय 03 लाख रुपए तक, निम्न आय वर्ग के परिवार की वार्षिक आय 03 लाख से 06 लाख रुपए तक एवं मध्यम वर्ग के परिवार की वार्षिक आय 06 लाख से 09 लाख रुपए निश्चित है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत विधवाओं, अविवाहित महिलाओं, दिव्यांग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर्स, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों एवं समाज के अन्य वंचित वर्गों को स्पेशल फोकस ग्रुप में सम्मिलित करते हुए प्राथमिकता दी जाएगी तथा सफाई कर्मचारी, पी0एम0 स्व-निधि योजना में लाभांवित स्ट्रीट वेंडर, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से आच्छादित विभिन्न कामगारों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों, झुग्गियों/चाॅलों में रहने वाले परिवारों एवं प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के संचालन की अवधि में चिन्हित अन्य समूह पर विशेष ध्यान देते हुए इनको स्पेशल फोकस ग्रुप के रूप में चिह्नित करते हुए लाभान्वित किया जाएगा। सभी पात्र लाभार्थियों (परिवार के सदस्यों सहित) के पास आधार/आधार वर्चुअल आईडी होनी अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि वित्त पोषण के तहत ब्याज सब्सिडी योजना को छोड़कर अवशेष घटकों हेतु आवास निर्माण की लागत भारत सरकार राज्य शहरी स्थानीय निकायों और चयनित लाभार्थियों के बीच साझा की जाएगी। एएचपी/बीएलसी घटक के अंतर्गत प्रति आवास इकाई सरकारी सब्सिडी 2.50 लाख रुपए होगी। केंद्रीय सहायता प्रति आवास 1.50 लाख रूपये (60%) के सापेक्ष अनिवार्य राज्य अंशदान प्रति आवास 1.00 लाख रूपए(40%) होगा। उन्होंने आवेदन के संबंध में बताया कि कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल एवं जन सुविधा केंद्र से Pmayarban.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। आवेदक और उसके परिवार के सदस्यों का आधार विवरण, बैंक खाते का विवरण, आय, जाति और निवास प्रमाण के साथ भूमि दस्तावेज आदि भी जमा करना होगा। आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सत्यापन की कार्रवाई डूडा विभाग करेगा। उसके बाद आवेदकों के घरों पर टीम पहुंचकर सत्यापन करेगी। आवेदन का सत्यापन होने के बाद अलग-अलग किश्तों में धनराशि खाते में भेजी जाएगी।

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