जी.एल. बजाज संस्थान द्वारा किया गया यह प्रयास प्रबंधन शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है: पंकज अग्रवाल वाइस (चेयरमैन जीएल बजाज)
ग्रेटर नोएडा/फेस वार्ता: जी.एल. बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च के प्रबंधन अध्ययन विभाग द्वारा आयोजित “सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड ग्लोबल ग्रीन एवं मल्टीडिसिप्लिनरी कॉन्सेप्ट्स इन मैनेजमेंट” जैसे महत्वपूर्ण विषय पर आधारित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICMCM-2025) का भव्य समापन किया गया। इस सम्मेलन का उद्देश्य सतत विकास, हरित प्रथाओं और प्रबंधन में बहुआयामी दृष्टिकोण को बढ़ावा देना था। इसमें शिक्षा, उद्योग, और अनुसंधान के क्षेत्र में सामूहिक सहयोग को बढ़ावा दिया गया।
दो दिनों तक चले इस सम्मेलन में सतत विकास के लक्ष्यों, पर्यावरण संरक्षण और ग्रीन मैनेजमेंट के महत्व पर चर्चा की गई। दूसरे दिन के पहले सत्र में बहुविषयक प्रबंधन जैसे वित्त, विपणन, मानव संसाधन, और संचालन में समन्वय स्थापित करने पर विचार-विमर्श किया। चयनित सभी शोधकर्ताओ ने हरित प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यावरण अनुकूल व्यवसाय रणनीतियों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए। सम्मेलन में भारत और विदेशों के प्रसिद्ध विशेषज्ञ, शिक्षाविद, और उद्योग के नेताओं ने प्रस्तुतियों में सतत प्रौद्योगिकी, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, और हरित नवाचार पर विशेष जोर दिया। सम्मेलन के दौरान विभिन्न प्रतिभागियों द्वारा चयनित 200 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए और प्रबंधन शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया गया। समापन सत्र में मुख्य अथिति गेल इंडिया लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुमित किशोर, विशेष अथिति आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर सचिन गुंठे और हाइट्स के एसोसिएट वाइस प्रेजिडेंट शैलेश बिंदल ने प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। कॉलेज के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने कहा कि इस आयोजन ने छात्रों, शिक्षकों, और उद्योग विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर सतत विकास और हरित प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ज्ञान और दृष्टिकोण साझा करने का अवसर प्रदान किया। जी.एल. बजाज संस्थान द्वारा किया गया यह प्रयास प्रबंधन शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह आयोजन पर्यावरण संरक्षण और व्यवसाय में स्थिरता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक प्रेरणा स्रोत साबित हुआ। इस दौरान कॉलेज के निदेशक डॉo मानस कुमार मिश्रा, विभाग के अध्यक्ष डॉo विकास त्रिपाठी,प्रोo कन्हैया सिंह, प्रोo दुर्गेश अग्निहोत्री, प्रोo कीर्ति स्वरुप और अन्य अध्यापक मौजूद रहे।