ग्रेटर नोएडा/फेस वार्ता संवाददाता: गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूशन्स इनोवेशन काउंसिल (IIC-GBU) द्वारा “इनोवेटर्स मीट” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नवाचार, उद्यमिता, और स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग एवं ग्रांट्स के अवसरों पर चर्चा करना था। इस आयोजन का नेतृत्व गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर रविंद्र कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन में किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इंजीनियर नरिंदर सिंह जस्सल, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीएसआईओ (सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स ऑर्गनाइजेशन), चंडीगढ़ थे। उन्होंने प्रिज्म योजना (Promoting Innovations in Individuals, Start-ups and MSMEs) के तहत स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स के लिए 10 लाख रुपये से 70 लाख रुपये तक की अशर्त अनुदान राशि के बारे में जानकारी दी।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविंद्र कुमार सिन्हा ने इनोवेटर्स को प्रेरित करते हुए कहा कि भारत में स्टार्टअप्स के लिए एक सशक्त पारिस्थितिकी तंत्र (eco-system) विकसित हो रहा है और युवा इनोवेटर्स को इसका लाभ उठाना चाहिए।कार्यक्रम की मुख्य बातें:14 इनोवेटर्स ने अपने विचार प्रस्तुत किए, जिनमें मुख्य रूप से मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, बायोटेक्नोलॉजी, और कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के क्षेत्र शामिल थे। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रोबोटिक्स से जुड़े विचार भी शामिल थे। इंजीनियर जस्सल ने इनोवेटर्स के विचारों की सराहना की और उन्हें प्रिज्म योजना के तहत अनुदान दिलाने का आश्वासन दिया।डॉ. विशाल सुरेश चंदाने, वैज्ञानिक, बिजनेस डेवलपमेंट ग्रुप, सीएसआईओ, और डॉ. नवदीप सिंह, निदेशक, वर्ल्ड स्पेस काउंसिल, कुरुक्षेत्र, ने भी इनोवेटर्स को अपने विचारों को वास्तविकता में बदलने के लिए मार्गदर्शन दिया।डॉ. शक्ति साही, प्रमुख, आईपीआर सेल, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ने भारत में पेटेंट के महत्व और उनके लिए उपलब्ध अनुदान अवसरों पर प्रकाश डाला। डॉ. सतीश के मित्तल, प्रमुख, एआईसी-जीबीयू इनक्यूबेशन सेंटर, ने उत्तर प्रदेश और भारत सरकार की विभिन्न अनुदान योजनाओं की जानकारी दी। सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति कार्यक्रम में डॉ. इंदु उप्रेती, डीन प्लानिंग एंड रिसर्च, डॉ. कीर्ति पाल, डीन, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, डॉ. ओमबीर सिंह दहिया, प्रमुख, अर्थशास्त्र विभाग, और अन्य प्रतिष्ठित फैकल्टी सदस्यों एवं छात्रों ने भाग लिया।कार्यक्रम का समन्वय डॉ. निधि पाल सिंह, वरिष्ठ फैकल्टी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, जीबीयू द्वारा सफलतापूर्वक किया गया।“इनोवेटर्स मीट” ने न केवल छात्रों और शोधार्थियों को नवाचार और उद्यमिता के लिए प्रेरित किया बल्कि उन्हें उपलब्ध सरकारी योजनाओं और अनुदान अवसरों के बारे में भी जागरूक किया।