ग्रेटर नोएडा/ फेस वार्ता न्यूज संवाददाता: नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज एंड रिसर्च ने सामग्री विज्ञान और इंजीनियरिंग पर चार दिवसीय 5वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर करोल स्ट्रज़लकोव्स्की, प्रोफेसर मारिया, चांसलर पीके गुप्ता,वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा, प्रो वाइस चांसलर परमानंद ने दीप जलाकर किया। डीन एकेडमिक डॉ आरसी सिंह ने बताया कि इस सम्मेलन में 12 देशों के डेलिगेट, भारत के 15 राज्य और मलेशिया के 12 विश्वविद्यालय के रिसर्चर हिस्सा लेंगे और अपने रिसर्च पेपर प्रजेंट करेंगे। जिसका उद्देश्य दुनिया भर के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को उपयोगी आदान-प्रदान, विचार-मंथन सत्र और सामग्री विज्ञान के विभिन्न पहलुओं में अनुसंधान आवश्यकताओं और अवसरों की पहचान करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
सम्मेलन में पॉलैंड के प्रोफेसर करोल स्ट्रज़लकोव्स्की ने कहा कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन और दुर्लभ पेट्रोलियम आपूर्ति का सामना करते हुए, दुनिया को स्थायी ऊर्जा प्रणालियों पर स्विच करना होगा। हालांकि प्रमुख ऊर्जा स्रोतों के बीच ऐतिहासिक संक्रमण हुए हैं। इनमें से अधिकांश बदलाव एक सदी या उससे अधिक समय तक चले और संसाधनों की कमी, उच्च श्रम लागत और तकनीकी नवाचारों से प्रेरित थे। ऊर्जा संक्रमण को और अधिक तेज करने की आवश्यकता होगी। ऊर्जा संक्रमणों को तेज करने के बारे में बहुत कम जानकारी है।विभिन्न राजनीतिक अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में कार्यक्रमों को एक साथ क्रियान्वित करने की आवश्यकता को देखते हुए, ऊर्जा दक्षता पर अधिक ध्यान, स्मार्ट ग्रिडों को बढ़ावा देना, तथा संभवत एक नई संधि से अधिक समय पर परिणाम प्राप्त होंगे। विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता ने कहा हमें ऐसे मटेरियल ढूंढना होगा जो समाज की भलाई और सस्ता हो। दुनिया को ऐसे इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की ज़रूरत है जो सामग्रियों को समझते हों, ताकि उन्हें ज़्यादा मज़बूत, हल्का, सुरक्षित, हरा-भरा और ज्यादा किफायती बनाया जा सके। इंजीनियर ऐसी सामग्री विकसित कर सकते हैं जो विशिष्ट अनुप्रयोगों के लिए प्रदर्शन मानदंडों को पूरा करती है, जो हमारे समाज की तकनीकी आवश्यकताओं के लिए उपयोगी है।