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फेस वार्ता। भारत भूषण शर्मा:-
गौतमबुद्धनगर: पथिक शोध संस्थान ग्रेटर नोएडा में गुर्जर आर्ट एंड कल्चर परिचर्चा में अपने विचार रखते हुए चेनपाल प्रधान ने कहा की जैसे हमने अपने बेटे की शादी में 21 बारातियों के साथ संपन्न की समाज के लोग भी मिसाल पेश करें ताकि फिजूल खर्ची और दहेज पर रोक लगे गुर्जर समाज के उत्थान में समाज के सैकड़ो बुद्धिजीवियों ने विचार रखें समाजसेवी चैनपाल प्रधान ने बताया दहेज की व्यवस्था दुल्हन को अपने नए परिवार की सुरक्षा के लिए की गई थी
जहां वह शादी करके जाती है लेकिन समय के साथ लोगों ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए इसका अर्थ बदल दिया है। आइए हम सभी इस घृणित सामाजिक प्रथा को समाप्त करने और अपनी बेटियों और उनके उज्ज्वल भविष्य की रक्षा के लिए प्रयास करें।