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फेस वार्ता। भारत भूषण शर्मा:- 

गौतम बुद्धनगर:– यदि आप भी 6% या 7% किसान आबादी का भूखंड खरीद रहे हैं तो हो सावधान हो जाएं  यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत किसान कोटे के भूखण्डों का क्रय विक्रय कागजों में ही हो रहा है। इस क्रय विक्रय को देखते हुए दिल्ली/ नोएडा/ ग्रेटर नोएडा और दूर दराज के लोग सब कुछ सही मानकर अलग अलग लोगों से कागजात खरीद रहे हैं। मगर हैरानी की बात ये है कि जो किसान 7 प्रतिशत के भूखण्ड और लीजबैक के कागजात दिखाकर जमीन बेच रहे हैं, उनमें ज्यादातर फर्जी मामले सामने आ रहे हैं।

यमुना प्राधिकरण के ओएसडी ने आज सार्वजनिक सूचना प्रकाशन करते हुए कहा हैं कि किसानों की अर्जीत, क्रय भूमि के बदले 7 प्रतिशत आबादी भूखंडों को यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण आबादी भूमि आवंटन प्रक्रिया 2010 के अंतर्गत आवंटित करती है। जिसके क्रम में प्राधिकरण द्वारा आरक्षण व आवंटन पत्र निर्गत किए जाते हैं। काफी प्रकरणों में संज्ञान में आया है कि ऐसे लीजबैक संबंधी पत्र, आरक्षण पत्र और आवंटन पत्र कुछ व्यक्तियों द्वारा फ़र्जी तरीके से तैयारी कर भूखंडों का क्रिय विक्रय किया जा रहा है। क्योंकि ये अनियमित है, यदि किसी व्यक्ति संस्था से फर्जी पत्रों के आधार पर किसी भी प्रकार के कोई भूखंड का क्रय विक्रय किया जाता है, तो भविष्य में होने वाले किसी भी प्रकार के लाभ हानि के लिए प्राधिकरण जिम्मेदार नहीं होगा। बल्कि वही व्यक्ति और संस्था जिम्मेदार होगी।

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