फेस वार्ता। भारत शर्मा:-
नॉएडा:-18th मार्च 2024:- होली जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, कम्युनिटी वेल-बीइंग पर ध्यान केंद्रित करने वाले एक प्रमुख मानसिक स्वास्थ्य गैर-लाभकारी संगठन ‘मनस्थली’ ने एक ऐसे माहौल को बढ़ावा देने की पहल की है जिसमें होली का त्यौहार आनंदमय रूप से मनाया भी जाए और लोगों को स्वास्थ्य से सम्बंधित कोई समस्या भी न हो। लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए मनस्थली ने एक स्वास्थ्य सलाह जारी की है, जिसका उद्देश्य त्योहार के इस सीजन के दौरान व्यक्तियों और समुदायों को जिम्मेदार और जागरूक आदतों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। हर साल होली के दौरान और उसके बाद कई लोग सांस से सम्बंधित समस्याओं, सांस लेने में परेशानी, ड्राइ स्किन (शुष्क त्वचा) और आंखों की समस्याओं से पीड़ित होते हैं। ऐसा धुएं और हवा में सूखे रंगों की मौजूदगी के कारण होता है।
मनस्थली द्वारा जारी की गयी जरूरी स्वास्थ्य सम्बन्धी सलाह निम्नलिखित है
1- ईको-फ्रेंडली रंगों का इस्तेमाल करें: मनस्थली पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और केमिकल-आधारित रंगों से जुड़े स्वास्थ्य सम्बन्धी खतरों को कम करने के लिए ईको फ्रेंडली और प्राकृतिक रंगों के उपयोग को प्रोत्साहित करती है। ईको फ्रेंडली और प्राकृतिक रंग न केवल त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं बल्कि ज्यादा टिकाऊ और पर्यावरण के प्रति कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालते हैं।
2- सुरक्षात्मक कपड़े पहनें: होली के दौरान सुनिश्चित करें कि आपकी त्वचा पर सीधा रंग न पड़े । इसके लिए लंबी बाजू वाले कपड़े पहनें। इसके अलावा नारियल या जैतून का तेल भी त्वचा पर लगायें। ऐसा करने से त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है और बाद में रंगों को छुड़ाना भी आसान हो जाता है।
3- आंखों की सुरक्षा करें: रंगीन पाउडर से होने वाली जलन को रोकने के लिए धूप का चश्मा पहनकर या सुरक्षात्मक आईवियर का उपयोग करके अपनी आंखों को होली के दौरान सुरक्षित रखें। अगर आंखों में अचानक रंग पड़ जाता है तो साफ पानी से अच्छी तरह से धोएं और अगर जरूरी हो तो डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।
4- हाइड्रेटेड रहें: होली मनाने में अक्सर बाहर जाना पड़ सकता है और सूरज की रोशनी में भी रहना पड़ सकता है इसलिए थकान और पसीने के कारण होने वाले निर्जलीकरण यानी डीहाइड्रेशन को रोकने के लिए खूब सारा पानी पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखें।
5- कचरे का जिम्मेदारी से निपटान करें: उपयोग किए गए पानी के गुब्बारे, रंगीन पैकेट और अन्य कचरे को निर्धारित डिब्बे में उचित तरीके से निपटान करें। सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता बनाए रखने और स्वच्छ वातावरण को बढ़ावा देने में मदद करें।
6- भोजन के पास होली न खेलें: प्राकृतिक रंग भी अगर खाने वाली चीजों में पड़ गया तो यह भी बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है। रंगों के सेवन से गंभीर प्रतिक्रिया और फ़ूड एलर्जी हो सकती है। अपने बच्चे को मुंह में रंगों के संपर्क से बचने के लिए कहें।
मनस्थली की फाउंडर और डायरेक्टर, डॉ. ज्योति कपूर ने इस बारे में कहा, “सुरक्षित रूप से होली खेलना बहुत जरूरी है क्योंकि यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा बनाये रखता है। सावधानियां और सुरक्षा बरतकर हम खुद को और अपने आस-पास के लोगों को संभावित नुकसान से बचा सकते हैं। सुरक्षा उपाय त्योहार की खुशी को बरकरार रखते हैं, जिससे हर कोई बिना किसी चिंता या अफसोस के रंगों के त्यौहार यानी होली का आनंद ले सकता है। आइए हम सब मिलकर एक स्वस्थ और सुरक्षित होली मनाये।