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यमराज और मैं आमने सामने

 

रात मेरे सपने में, यमराज आये !

मैंने कहा कोन हो भाई;

देखते नहीं, किस पर बैठकर आया हूँ?

पूरा देश जानता है, और तू? मुझे नहीं, पहचानता है!

मैंने कहा, समझ गया भाई; लगता है, अब मेरी मौत आई?

नहीं अभी नहीं, तुझसे मिलने आया हूँ!

हाँ, कागज पत्री साथ लाया हूँ!

मैंने कहा, क्या मुझे डरा रहे हो? बोलो, कब लेकर जा रहे हो?

मैंने कहा, एक दम तैयार हूँ! पर मेरी एक शर्त है, मानोगे?

खैर बता, तेरी क्या शर्त है!

स्वर्ग नहीं जाऊंगा नर्क मंजूर है? ,

ठीक है, तेरी शर्त मंजूर है!

वैसे भी, स्वर्ग में बहुत भीड़ है!

लगता है, भीड़ में तू अकेला है!

जिसने नर्क का दरवाजा खटखटाया है, इसलिए मुझे तेरा अंदाज भाया है

पाखंड, अंधविश्वास, अंध भक्तों के चक्कर में मत पड़/ हार जायगा तू इन्हें नहीं मिटा पायगा ×××?

स्वर्ग और नर्क एक झासा है!जो जैसा बोयगा, वैसा ही काटेगा !!