फेस वार्ता।
ग्रेटर नोएडा, गलगोटियास विश्वविद्यालय के विधि संकाय के तहत जेंडर स्टडीज सेंटर द्वारा हाल ही में “लिंग आधारित हिंसा: भारत और लैटिन अमेरिका में लोकतांत्रिक प्रतिक्रियाओं की असंभावनाओं का मानचित्रण” पर एक विचारोत्तेजक अतिथि व्याख्यान आयोजित किया गया। व्याख्यान में लिंग आधारित हिंसा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें दोनों क्षेत्रों में इस तरह की हिंसा का सामना करने में आने वाली जटिलताओं और चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया, साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप सार्थक संवाद और कार्यवाही को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य रखा गया।
इस कार्यक्रम में विचारोत्तेजक व्याख्यान, उत्साहजनक चर्चा और विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों के साथ ज्ञान-विनिमय सत्र शामिल थे। मुख्य वक्ता, मैसाचुसेट्स (MIT) अमेरिका से वरिष्ठ शोधकर्ता जूलियो डियाज़ काल्डेरॉन, ने भारत और लैटिन अमेरिका में लिंग आधारित हिंसा के जटिल द्वंद्वों पर गहन विश्लेषण किया और इन चुनौतियों पर लोकतांत्रिक प्रतिक्रियाओं की तुलना की। इन चर्चाओं के माध्यम से लोकतंत्र, बहुसत्तात्मकता और हिंसा के विभिन्न दृष्टिकोणों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सहयोगी प्रयासों और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय की निदेशक संचालन, सुश्री आराधना गलगोटिया और कुलपति प्रोफेसर के.एम. बाबू के नेतृत्व में हुआ, जिन्होंने मुख्य वक्ता का स्वागत किया और यह रेखांकित किया कि यह व्याख्यान विश्वविद्यालय की सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ करता है, जो कि महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करता है। विधि संकाय के डीन, प्रोफेसर डॉ. आदित्य तोमर ने अपने विशेषज्ञ मार्गदर्शन से इस सेमिनार की सफलता सुनिश्चित की और चर्चाओं की प्रासंगिकता पर जोर दिया। कार्यक्रम का समन्वय और सफल आयोजन विधि संकाय की एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. मानसी सिन्हा (इस आयोजन की संयोजक) और सहायक प्रोफेसर, प्रोफेसर डॉ. शुभरंगना पुंदीर के समर्पित प्रयासों के माध्यम से किया गया। इस महत्वपूर्ण आयोजन को सफल बनाने में उनकी प्रतिबद्धता ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता और समाज के विकास को बढ़ावा देने के प्रति समर्पण को उजागर किया। यह व्याख्यान गलगोटियास विश्वविद्यालय के उस मिशन को सुदृढ़ करता है जिसमें विश्वविद्यालय ऐसे सहयोगात्मक और बौद्धिक रूप से प्रेरणादायक पहलों के माध्यम से महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को संबोधित करता है और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देता है। इस बात की जानकारी भगवत प्रसाद शर्मा पीआरओ कार्यकारी गलगोटियास विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा, ने दी।