फेस वार्ता:-
भारतीय संस्कृति की धरोहर को संरक्षित करना जरूरीः पद्म भूषण प्रो कपिल कपूर
शारदा विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा में आज भारतीय संस्कृति वैश्विक केंद्र का शुभारंभ किया गया। इस केंद्र को स्थापित करने का उद्देश्य भारतीय संबंिघत ज्ञान को एकत्रित करने के लिए वैश्विक मंच बनाना है। इसके अलावा भारत के सामने आने वाले तात्कालिक और मूलभूत मुद्दों का समाधान करना है जिससे इस केंद्र कि स्थापना से भारतीय संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा और सुरक्षित किया जा सकेगा। इस समारोह का शुभारंभ में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव सेवानिवृत्त आईएएस दीपक सिंघल, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांसड स्टडीस के पूर्व चेयरमेन पद्म भूषण प्रो कपिल कपूर, सेंटरल यूनिवर्सिटी ऑफ पंजाब, बठिंडा के चांसलर प्रो जगबीर सिंह,नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीस, स्कूल ऑफ सोशल साइंसेस की चेयरपरसन प्रो हीरामन तिवारी, शारदा विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर वाई के गुप्ता, शारदा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा द्वारा किया गया।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांसड स्टडीस के पूर्व चेयरमेन पद्म भूषण प्रो कपिल कपूर ने कहा कि विरासत पर गर्व करना जरूरी है। नई शिक्षा नीति के अनुसार भी यहीं है की अपनी भाषाओं में पढ़ाना है। लेकिन समयस्या यह है कि हम देश विदेश का पढ़ाते है लकिन अपने बारे में अपनी संस्कृति के बारे में नहीं पढ़ाते है। हमे अपना ज्ञान हमारे बच्चों तक पहुचाना है। केवल नीति बनाकर भूल जाते है और यही होता आ रहा है लेकिन अब इस पर कार्य करने का समय आ गया है। ज्ञान वापस आता है लेकिन कभी नहीं मिटता है। अपनी मानसिकता को बदलने के लिए हमें अपनी धरोहर को संरक्षित करना चाहिए। शारदा विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर वाई के गुप्ता ने संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन समस्त शारदा ग्रुप के लिए बेहद गर्व की बात है, कि हम इस अहम कार्य के शुरूवात शारदा से की जा रही है। यह केंद्र सबसे पहले शारदा विश्वविद्यालय में शुरू किया गया। समाज के हर स्कूल एंव विश्वविद्यालय की यह जिम्मेदारी बनती है कि भारतीय संस्कृति पर खास ध्यान दिया जाऐ और अच्छे छात्रों को इसके प्रति जागरूक किया जाए। आने वाले समय में युवा छात्र देश के लीडर है और उनमें देश के प्रति कुछ करने का भाव भारतीय संस्कृति वैश्विक केंद्र के माध्यम से मिलेगा। शारदा विश्वविद्यालय अपने सभी कोर्स के साथ भारतीय संस्कृति पर भी छात्रों को अनावरण प्रदान करेगा। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव सेवानिवृत्त आईएएस दीपक सिंघल ने कहा कि भारतीय संस्कृति वैश्विक केंद्र तभी सफल होगा जब केवल भाषण नहीं दिए जाऐगा बल्कि इस पर असल में परिणाम हेतु कार्य किया जाएगा। इस को दुनिया के सबसे अच्छे र्स्टाटअप के रूप में लिया जा सकता है। शारदा विश्वविद्यालय ने इस क्षेत्र में योगदान देकर बहुत बड़ा कार्य किया है। इस कार्यक्रम में शारदा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा ने संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विवेक गुप्ता, निदेशक पीआर डॉ अजीत कुमार, डीन डॉ अन्वीति गुप्ता सहित सभी स्कूलों के डीन एंव शिक्षक भी मौजूदा रहे।