जी एल बजाज संस्थान में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 पर किया गया नेशलन कॉनक्लेव का आयोजन|
फेस वार्ता ।ग्रेटरनोएडा
दिनांक 16/12/2021
ग्रेटर नोएडा जीएल बजाज संस्थान में जाने माने गणमान्य जननेशनल कॉनक्लेव ऑनरिफर्मस ऑन इंडियन एजुकेशनल सिस्टम थ्रू एन.इ.पी- 2020 के आयोजन पर एकीकृत हुए । इस अवसर पर डा.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्व विद्यालय के भूतपूर्व कुलपति प्रो.डी.एस.चौहान, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे वहीं ग्रेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में आइ.आइ.एस. सी.बैंगलोर के प्रो. एन.सी.शिव प्रकाश तथा यू.जी.सी. मेम्बर प्रो. सुषमा यादव ने शिरकत की । कार्यक्रम के शुरूआत में उपस्थित जनका स्वागत करते हुए संस्थान के वाईस चेयरमैंन पंकज अग्रवाल ने कहाकि वह कोई देश हो या संस्थान अगर वह दुनिया में होरहे बदलाव के साथ खुदको नहीं बदलता तो जल्दीही प्रतियोगिता के बाहर हो जाता है। इसीलिए आवश्यक है कि हम बदलाव के साथ कदमताल मिलायें ।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में टेक्नॉलॉजी क्षेत्र में हुए बदलावों के कारण जल्द ही बहुत सारे रोजगार मशाीनों द्वारा छिन लिए जाऐंगे । इसलिए यह आवश्यक है कि हम अब अपने छात्रों में कौशल विकास पर ध्यान दें। ए.आई. मशीन लर्निग , डाटा साइंस आदि के उद्भव के साथ ही अब हमें इस तरह के वर्कफोर्स की जरूरत पड़ेगी जो ना सिर्फ विज्ञान, गणित, डाटा साइंस आदि का ज्ञान रखता हो बल्कि साथ ही साथ सोशल साइंसेज, साईकॉलॉजी, भाषा इत्यादि में भी पारंगत हो। उन्होंने कहा कि एन.इ.पी. इस ओर उठाया गया एक बेहतरीन कदम है।इसके बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो.डी.एस.चौहान ने अपने व्याख्यान से उपस्थितजन का ज्ञानवर्धन किया।उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ज्यादातर सभी संस्थान ऑटो नोमस होंगे तथा अफिलिएटिंग बॉडिज धीरे-धीरे समाप्त हो जाऐंगी । इसी के साथ नई शिक्षानीति के तहत छात्रों को समग्र विकास का बेहतर मौका मिलेगा।उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी का उद्देश्य छात्रों में एन्टर पेन्योंर स्कील का विकास करना भी है।वहींकार्यक्रम के की नोटस्पीकर डा0 असीरवर्थमआचार्यमेम्बरइननेशनलकॉरिडिनेटरडाक्यूमेंटेशन एण्ड लाईब्रेरी, बी0 जे0 पी0 ने अपने वक्तव्य में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी पर विस्तार पूर्वक चर्चा की उन्होंने कहा 1986 के 34 साल बाद यह पॉलिसी आई है। और इसका मुख्य उद्देश्य स्कूली तथा उच्च शिक्षा का स्तर ऊॅचा उठाना है।उन्होंने कहा कि इस तरह की शिक्षा हर मानव को उसके उच्चतम मानसिकस्तर पर पहॅूंचाने का एक सटीक प्रयास है । वहीं गेस्ट ऑफ ऑनर प्रो0 सुषमा यादव ने कहा कि मानव मुख्य रूप से एक सामाजिक प्राणि है तथा यह अत्यंत आवश्यक है कि उसके अन्दर भावनाओं का सम्पूर्ण विकास किया जाय।और इसके लिए यह आवश्यक है कि शिक्षा में विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मनोविज्ञान तथा भाषा का
समावेश हो।वहीं कार्यक्रम में उपस्थित प्रो . एन.सी. शिवप्रकाश आइ. आइ. एस. सी. बैंगलोर ने कहा कि एन.ई.पी. शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति के रूप में हालांकि इसका पूर्ण विकास होने में अगले 15 से 20 साल लग जाएंगे लेकिन यह सही समय पर उठाया गया एक आवश्यक कदम है। कार्यक्रम में बोलते हुए संस्थान के निदेशक डा.राजीव अग्रवाल ने कहा कि इस कॉनक्लेव का उद्देश्य प्रवक्ताओं तथा छात्रों को नई शिक्ष नीति से रूबरू करवाना है क्योंकि मुख्य रूप से यही वे लोग हैं जो इस नीति को कार्यकारी रूप देेंगे।उन्होंने कहा कि यह कॉन्क्लेव संस्थान को नई शिक्षा नीति के अनुरूप प्लान ऑफ एक्शन बनाने में भी मदद करेगा। कार्यक्रम के अंतमें शशंाक अवस्थी, डीन स्ट्रेटजी, नें धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने एम.एम.एम.यू. टी.गोरखपुर, एन.आई.आई.आई.टी. कोलकता तथा कैम्ब्रीज इंस्टीट्यूट ऑफटेक्नॉलॉजी, बैंगलूरू का भी इस कॉन्क्लेव को संयुक्त रूप से आयोजन करने के लिए धन्यवाद किया। आज के कार्यक्रम में प्रो.एन.वी.रमन्नाराव, डायरेक्टर एम.आई.टी,वारंगल , डा.डी.पी.मिश्रा, एन.आई.आई.आई. टी. कोलकता ने ऑनलाईन मोड द्वारा उपस्थितगण को सम्बोधित किया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न शिक्षा विदों छात्र-छात्राओं तथा रिसर्चस ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।