जी एल बजाज कॉलेज ग्रेनो से पढ़े कुशाग्र का चयन
विश्व के पहले निजी एस्ट्रोनॉटमिशन के लिए जी एल बजाज कॉलेज ग्रेनो से पढ़े कुशाग्र का चयन
.एस्ट्रोनॉट के लिए जाने वाले मदर शिप को तैयार करने के लिए टीम और उपकरण जुटाने के लिए कंपनी ने चुना जीएल बजाज कॉलेज के पूर्व छात्र कुशाग्र
ग्रेटर नोएडा । शहर के जीएलबजाज कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई करने वाले कुशाग्र श्रीवास्तव अब विश्व के पहले निजी एस्ट्रोनॉटमिशन के लिए काम करेंगे। एस्ट्रोनॉट जिस मदरशिप से जाएंगे | उसके बनाने की पूरी प्रक्रिया के संयोजन के लिए अमेरिका की कंपनी व र्जिनगैलेक्टिक ने डीएचआर कंपनी को चुना है। डीएचआर कंपनी ने इस मिशन के लिए कुशाग्रसमेत दो अन्य लोगों को चुना है। कुशाग्रव र्जिनगैलेक्टिक से जुड़ी कंपनी डीएचआर में सीनियर कंसंल्टेंट हैं ।कुशाग्रष्वर्जिनगैलेक्टिक विश्व के पहले निजी एयरोस्पेशमिशन के सदस्य हैं और पहले भारतीय हैं जो इस निजी एस्ट्रोनॉटमिशन के लिए काम कर रहे हैं ।इस एस्ट्रोनॉटमिशन के सफल होने पर इसे प्राईवेट टूरिस्ट के अंतरिक्ष भ्रमण के लिए शुरू किया जाएगा। कुशाग्र बताते हैं कि जेफबेजोस की कंपनी ब्लूओरिजन एलनमस्क की स्पेसएक्स और रिचर्ड ब्रेंसन की वर्जिनगैलेक्टि कतीनों अलग.अलग इसी तरह के मिशन को अंजाम देने की कोशिश में हैं।
वर्तमान में कुशाग्र कनाडा के टोरंटो शहर में हैं ।यहीं से वह कैलीफोर्निया में होने वाले मिशन का कार्य देखेंगे।वह बतातें हैं कि मिशन में राकेट के अलावा जोमदर शिप होगी।इसी मदरशिप में बैठकर करोड़ों डालर देने वाले यात्री ; एस्ट्रोनॉट के रूप में द्ध जाएंगे।कुशाग्र का मुख्य कार्य मदरशिप को बनाने के लिए वैज्ञानिकों और अन्य कर्मियों की टीम तैयार करवाना है ।इसके अलावा मदरशिप के लिए सभी चीजों को जुटाने का भी कार्य भी करेंगे। वहीं ए वैज्ञानिकों से बात चीत कर उनको कंसल्टेशन भी देंगे। उन्होंने बताया कि एक एविएशन कंपनी में कार्य करने का अनुभव होने के चलते उन्हें इस मिशन के लिए चयनित किया गया है ।वह बताते हैं कि वर्जिनगैलेक्टिक मिशन का हिस्सा बन कर वह बेहद गर्व महसू सकर रहे हैं ।उन्होंने बताया कि उनकी सफलता में वह अपने परिवार और जीएलबजाज कॉलेज के शिक्षकों का भी सहयोग मानते हैं।
कुशाग्र ने अलीगढ़ एएमयू से अपनी 12वीं तक पढ़ाई पूरी की है ।इसके बाद उन्होंने ग्रेटर नोएडा के जीएलबजाज कॉलेज से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग से बीटेक पूरा किया। कोर्स पूरा करने के बाद वर्ष 2011 में ही वह एक कंपनी में आगे की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए और करियर की शुरूआत भी की। इसके बाद उन्होंने दुबई की कंपनी क्वाड लैबटेक्नोलॉजी में भी कार्य किया ।
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