दिल्ली मे डॉ. बी. आर. आंबेडकर की 130वी जयंती के उपलक्ष्य मे नई दिल्ली के कॉपरनिकस मार्ग स्थित प्रिंसेस पार्क में पीपल्स वेलफेयर फाउंडेशन ट्रस्ट की नीव रखी गयीI
राजधानी दिल्ली मे डॉ. बी. आर. आंबेडकर की 130वी जयंती के उपलक्ष्य मे नई दिल्ली के कॉपरनिकस मार्ग स्थित प्रिंसेस पार्क में पीपल्स वेलफेयर फाउंडेशन ट्रस्ट की नीव रखी गयीI
इस ट्रस्ट को मजबूती और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय सफाई कर्मचारियों के वरिष्ठ और भूतपूर्व मेंबर हरिराम सूद, उत्तर पश्चिमी दिल्ली के दलित कांग्रेसी नेता सुरेंद्र मेहरोलिया, नई दिल्ली जिला कांग्रेस कमेटी के
सचिव आजाद कांगड़ा, महाराष्ट्र महिला कांग्रेस की जनरल सेक्रेटरी श्रीमति बेबी गौरीकर, समाजसेवी संजय लोचन और दिनेश मेहरोलिया के साथ शिक्षाविद हर्ष वर्धन भी मौजूद थे I
इस ट्रस्ट की अध्यक्षा श्रीमती शालिनी के साथ सेक्रेटरी श्रीमती निर्मला देवी, कोषाध्यक्ष श्रीमती नेहा और सदस्या
श्रीमती सोनम ने कार्यक्रम को सफल बनाने आये सभी अतिथियों का स्वागत किया I
ट्रस्ट की अध्यक्षा श्रीमती शालिनी ने सभी को संबोधित करते हुए बताया की आज के दिन दलितों और वंचितों के उद्धारक, नारी के मुक्तिदाता, ज्ञान के प्रतीक, विश्व रतन डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी का जन्म हुआ था इसलिए
इस ट्रस्ट को आरम्भ करने के लिए आज से कोई अच्छा दिन नहीं हो सकता था I
यह ट्रस्ट डॉ. बी. आर. आंबेडकर के बताये गए मार्ग पर चलकर महिला सशक्तिकरण, बाल विकास और दलितो के उत्थान के लिए कार्य करेगी I
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारियों के भूतपूर्व मेंबर श्री हरिराम सूद ने शालिनी जी को ट्रस्ट के लिए बधाई दी और हमेशा उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया I
सुरेंद्र मेहरोलिया ने कहा की डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने देश से जाति प्रथा और समाज में कुव्यवस्था को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी. उनका मानना था कि सभी लोगों को एक समान अधिकार मिलने चाहिए ताकि किसी के साथ भी भेदभाव ना हो इसलिए इस ट्रस्ट का लक्ष्य ऐसे मानव समाज का निर्माण करना है जिसमें सेवा, सहिष्णुता, आत्मविश्वास और समत्व भाव स्वयंसिद्ध हों।
नई दिल्ली जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव आजाद कांगड़ा ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा की डॉ. बी. आर. अंबेडकर के व्यक्तित्व में स्मरण शक्ति की प्रखरता, बुद्धिमत्ता, ईमानदारी, सच्चाई, नियमितता, दृढ़ता, प्रचंड संग्रामी स्वभाव का मणिकांचन मेल था। उनकी यही अद्वितीय प्रतिभा अनुकरणीय है। वे एक मनीषी, योद्धा, नायक, विद्वान, दार्शनिक, वैज्ञानिक, समाजसेवी एवं धैर्यवान व्यक्तित्व के धनी थे। वे अनन्य कोटि के नेता थे, जिन्होंने अपना समस्त जीवन समग्र भारत की कल्याण कामना में उत्सर्ग कर दिया। यह सब प्रकार के भेदभावों से रहित सत्यान्वेषी साधकों की संस्था है, जिसका लक्ष्य बंधुत्व की प्रतिष्ठा द्वारा मानव समाज की सेवा करना है।
समाजसेवी संजय लोचन ने कहा कि समाज को श्रेणीविहीन और वर्णविहीन करना होगा क्योंकि श्रेणी ने इंसान को दरिद्र और वर्ण ने इंसान को दलित बना दिया। जिनके पास कुछ भी नहीं है, वे लोग दरिद्र माने गए और जो लोग कुछ भी नहीं है वे दलित समझे जाते थे।
कार्यक्रम के अंत में अध्यक्षा श्रीमती शालिनी के साथ सेक्रेटरी श्रीमती निर्मला देवी, कोषाध्यक्ष श्रीमती नेहा और सदस्या श्रीमती सोनम ने उपस्थित सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया I