मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सम्मान और उन्हें स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से शारदा यूनिवर्सिटी में भव्य कार्यशाला का आयोजन

(Face warta)

गौतमबुद्धनगर उत्तर प्रदेश सरकार के मिशन शक्ति अभियान की नोडल अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी कार्यशाला में रही मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आज से संचालित किए गए मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत जिले में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए विशेष अभियान की शुरूआत की गई।

इस मौके पर जिला प्रशासन और शारदा विश्वविद्यालय की ओर से कैंपस में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर सरकार की ओर से चलाई गई मिशन शक्ति योजना के बारे में बताया गया। इस अवसर पर नोएडा अथाॅरिटी की सीईओ एवं इस कार्यक्रम की नोडल अधिकारी रितू माहेश्वरी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं।
इस मौके पर शारदा यूनिवर्सिटी के प्रो. चांसलर वाई के गुप्ता ने बताया कि इस योजना के तहत हमलोग फैकल्टी और स्टूडेंटृस के माध्यम से अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करेंगे। हमारे टीचर्स और बच्चे अपने आसपास महिलाओं और बालिकाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करेंगे। समाज में उनकी शान, सम्मान और अभिमान कैसे बढे, इस पर हमलोग समग्र रूप से कार्य करेंगे। उन्होंने कार्यक्रम की नोडल अधिकारी रितू माहेश्वरी और जिला प्रशासन से वादा किया कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन सरकार की योजना से कंधे से कंधे मिलाकर चलेगा।
नोएडा अथाॅरिटी की सीईओ रितू माहेश्वरी ने अपने संबोधन में महिलाओं के अधिकार, योजना और दायित्व के बारे में बताया। पुराने दिनों को यादकर उन्होंने कहा कि पहले लडकियां घरों तक सीमित रहती थीं। आज यहां बैठे छात्राओं को देखकर खुशी हो रही है कि भारत और विदेशों से बच्चे यहां पढने आ रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों से आहृवान किया कि वे बच्चों को ऐसी शिक्षा दें, जिससे बेटियां यहां से सशक्त होकर बाहर निकलें। पहले चरण में 17 से 25 अक्टूबर तक अभियान चलेगा और समापन अप्रैल में होगा। इस दौरान हर माह एक हफ्ते का विशिष्ट कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। इसमें सामाजिक संगठन महिला संगठनों और जागरूक समाज सेवियों की समिति बनाकर रोल मॉडल का चयन किया जाएगा। इससे पहले कार्यक्रम में विवि के वीसी शिबाराम खारा, सीडीओ अनिल कुमार सिंह, जिला छात्र कल्याण अधिकारी शैलेंद्र बहादुर सिंह और अन्य फैकल्टी मेंबर्स ने अपने विचार रखे। कार्यशाला में करीब 150 से ज्यादा टीचर्स और छात्राएं शामिल हुए। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए इनके बैठने की व्यवस्था की गई।

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