गहलोत सरकार को 14 अगस्त से विधानसभा सत्र बुलाने को दी मंजूरी
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र आखिरकार राज्य के विधानसभा सत्रको मंजूरी दे दी| उन्होंने बुधवार को देर शाम को यह फैसला लिया राज्यपाल मिश्र ने राजस्थान विधानसभा के पंचम सत्र को अशोक गहलोत मंत्रिमंडल द्वारा भेजे गए 14 अगस्त से आरंभ करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्यपाल कलराज मि ने राजस्थान विधानसभा के सत्र के दौरान कोविड-19 से बचाव के लिए आवश्यक प्रबंध किए जाने के निर्देश मौखिक रूप से दिए हैं
इससे पहले राजस्थान के सियासी संकट को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र के बीच का गतिरोध खत्म चलता रहा 31 जुलाई को विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर सीएम चार बार गवर्नर साहब से मिले जबकि राज्यपाल की ओर से बार.बार दोहराया गया कि विधासनभा सत्र बुलाने के लिए 21 दिन का नोटिस बेहद जरूरी है यानी राज्यपाल का कहना ता कि अगर आप विश्वास मत प्रस्ताव लाना चाहते हैं तो जल्दी विधानसभा सत्र बुलाया जा सकता है वर्ना 21 दिन के नोटिस पर सत्र बुलाया जाए जबकि गहलोत सरकार का कहना था कि वो विश्वास मत प्रस्ताव नहीं लाना चाहते उनके पास बहुमत है
राज्यपाल की ओर से कहा गया था कि यदि सरकार विश्वास मत लाना चाहती है तो वह कोराना वायरस महामारी के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए संक्षिप्त विधानसभा सत्र बुला सकती हैण् गौरतलब है कि बार बार की गुहार के बाद भी विधानसभा सेशन आयोजित करने की इजाजत नहीं मिलने पर कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई थी चीफ व्हिप महेश जोशी ने कहा था कि राज्यपाल आखिरकार सत्र बुलाने पर सहमत क्यों नहीं हो रहे हैं कोरोना कोई मुद्दा नहीं है कोरोना के मामले में राजस्थान में रिकवरी रेट अच्छा है हमें फ्लोर टेस्ट की क्या जरूरत हैघ् हम बहुमत में हैं यदि राज्यपाल को संदेह है कि तो वह हमें फ्लोर टेस्ट का निर्देश दे सकते हैं उन्होंने कहा कि गवर्नर ऐसे सवाल कर रहे हैं जो कि उनकी अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं हमारे के पास पूर्ण बहुमत है और हमने इस बारे में राज्यपाल को सूचित भी किया है | राजस्थान के सीएम गहलोत ने 31 जुलाई से विधानसभा सत्र के लिए राज्यपाल को मंगलवार को नया प्रस्ताव भेजा था गहलोत के पहले प्रस्ताव को राज्यपाल ने तीन शर्तों के वापस कर दिया थाण् राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि श्महामहिमश् की सलाह है कि विधानसभा सत्र के लिए 21 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए अगर विश्वास मत की नौबत आती है तो इसका लाइव प्रसारण किया जाए और कोरोना से बचने के लिए 200 विधायकों और कम से कम 100 अधिकारियों की सोशल डिस्टेंसिंग के इंतज़ामों का ख़याल रखा जाए|