हिंदू संस्कृति का उपहास बर्दाश्त नहीं:चैनपाल प्रधान।

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ग्रेटर नोएडा:- हिंदू संस्कृति का उपहास बर्दाश्त नहीं रामचरितमानस पर बोले हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व जिलाध्यक्ष चैनपाल प्रधान कहां जैसे भागवत गीता रामायण हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ है वैसे ही कुरान मुस्लिमों का पवित्र ग्रंथ है कुरान को लेकर कभी कुछ कोई नहीं बोलता क्योंकि सर तन से जुदा कर दिया जाता है

हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ के खिलाफ बोलना आज के समय में फैशन बन गया है मैं स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की निंदा करता हूं उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपने चरित्र का उदाहरण दे रहे हैं। सच तो ये है कि उन्होंने रामचरित मानस पढ़ा ही नहीं हैं। राम भारत का चरित्र है। राम आज भी उतने की महत्वपूर्ण हैं। रामचरितमानस का लगभग हर भाषा में अनुवाद हो चुका है। हजारों वर्षों से आज भी इसका पाठ होता है तो नया जैसा लगता है। हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी राम को सम्मान देते हैं। इतने महत्वपूर्ण ग्रंथ पर टिप्पणी करना गलत है। ये बयान स्वामी प्रसाद की मानसिकता को दर्शाता है। वह हिंदू होती है

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